NEW DELHI. साल के अंत में 5 राज्यों में विधानसभा और 2024 में लोकसभा चुनाव में एनडीए और I.N.D.I.A गठबंधन को बड़ी चुनौती देने के लिए तीसरा मोर्चा यानी तीसरे गठबंधन का गठन होने जा रहा है। इसके संकेत AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने दिए हैं। I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल नहीं होने के सवाल पर ओवैसी ने कहा कि मुझे आमंत्रित नहीं किए जाने की कोई परवाह नहीं है। हमने तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर से आगे बढ़ने और तीसरा मोर्चा बनाने और इसमें कई दलों को शामिल करने के लिए कहा है। इस गठबंधन में एक राजनीतिक शून्य है जो केसीआर के नेतृत्व करने पर भर जाएगा। भारतीय गठबंधन इस शून्य को भरने में सक्षम नहीं है।
तीसरे मोर्चे में कौन होगा शामिल
I.N.D.I.A में बसपा प्रमुख मायावती, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव और पूर्वोत्तर और महाराष्ट्र की कई पार्टियां भी सदस्य नहीं हैं। ऐसे में तीसरे मोर्चे में इन सभी के शामिल होने से इनकार नहीं किया जा सकता।
'चौधरियों' का एक एलीट क्लब है I.N.D.I.A. गठबंधन
हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी से सवाल किया गया कि I.N.D.I.A. गठबंधन और एनडीए का आप हिस्सा नहीं हैं, इस पर आप क्या कहना चाहते हैं। ओवैसी ने कहा कि हमारी जगह जनता के दिलों में है। जहां तक इंडिया की बात है तो ये बड़े-बड़े 'चौधरियों' का एक एलीट क्लब है। इनमें से ज्यादातर तो बीजेपी के साथ रहे हैं। हमें इस गठबंधन से फर्क नहीं पड़ता है। कई सारे छोटे दल हैं। राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में छोटी पार्टियां हैं जिनके साथ हम जा सकते हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में राजनीतिक वैक्यूम है, वहां की पार्टियों के साथ गठबंधन किया जा सकता है।
नई संसद पर ओवैसी बोले- संसद के चलने से है उसकी खूबसूरती
असदुद्दीन ओवैसी ने नए संसद भवन को लेकर कहा कि देश को नए संसद भवन की जरूरत थी, लेकिन नया संसद भवन बनाने से लोकतंत्र मजबूत होगा या संसद चलने से होगा। संसद भवन की खूबसूरती उसके इमारत में नहीं बल्कि संसद चलने में है।
संसद से विशेष सत्र में कुछ अलग होने वाला है?
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बीजेपी ने पिछले मानसून सत्र में सीआरपीसी-आईपीसी में बदलाव को लेकर बिल पास किया। उससे पहले आर्टिकल-370 को लेकर बिल पास किया गया। ये सभी स्पीकर की मंजूरी के जरिए किए गए। उन्होंने कहा कि इस तरह अचानक से बिल लाकर उन्हें पास करवाना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने इस बात की आशंका जताई कि इस बार संसद से विशेष सत्र में भी कुछ ऐसा ही किया जा सकता है।
ओवैसी ने उठाई मांग- किसी भी बिल को पढ़ने के लिए मिले वक्त
विशेष सत्र की वजह से होने वाले कुछ नुकसानों को भी ओवैसी ने उठाया। हैदराबाद से सांसद औवेसी ने कहा कि किसी भी एजेंडे के लिए सभी सांसदों को समय दिया जाना चाहिए। अगर अचानक से बिल लाया जाएगा तो उसमें किसी सांसद का क्या योगदान रहेगा। सरकार के जरिए लाए जाने वाले बिल को पढ़ने का वक्त मिलना चाहिए।
सनातन विवाद पर बोले- संविधान में सभी धर्मों को मानने की इजाजत
सनातन धर्म पर विवाद औवेसी ने कहा कि मेरा मानना है कि भारत के संविधान में सभी धर्मों को मानने की इजाजत दी गई है। जो धर्म को नहीं मानता है, उसे भी यहां आजादी दी गई है। भारत के संविधान में बोलने की आजादी, अभिव्यवक्ति की आजादी है। संवैधानिक अधिकार हैं। हम चाहते हैं कि देश की धर्मनिरपेक्षता, विविधता को बस कोई नुकसान नहीं पहुंचाए।
राज्य में बढ़ी सियासी हलचल
तेलंगाना में इन दिनों सियासी हलचल तेज हो गई है। राज्य में कुछ महीनों के भीतर विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस मौके पर कांग्रेस, बीजेपी, बीआरएस और एआईएमआईएम जैसी पार्टियों ने अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। हैदराबाद में रविवार (17 सितंबर) को 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' भी मनाया जा रहा है। गृह मंत्री अमित शाह इस मौके पर शहर में रैली करने वाले हैं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के दूसरे दिन की बैठक भी हो रही है। कांग्रेस भी हैदराबाद में रैली करने वाली है।
कांग्रेस राज में तेलंगाना में होते थे दंगे
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि कांग्रेस राज में तेलंगाना में दंगे होते थे। यहां बिजली गुल रहती थी। अल्पसंख्यक समुदाय के लिए शिक्षा की व्यवस्था नहीं थी। किसानों के लिए पानी नहीं, मगर 9 साल की सरकार में केसीआर ने यहां शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त किया है। किसानों तक पानी पहुंचाया गया है, जिसकी वजह से यहां पंजाब के बाद दूसरा सबसे ज्यादा चावल का उत्पादन होता है। 9 साल पहले कांग्रेस जिस हाल में राज्य को छोड़ गई थी, उसकी तुलना में आज हालात बदल चुके हैं।