भगवान विष्णु के 10 अवतार के सार से एम्स में होगा इलाज, परशुराम, नरसिंह, कल्कि, राम अवतार समेत कई नाम के प्रोटोकॉल तैयार

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Pratibha Rana
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भगवान विष्णु के 10 अवतार के सार से एम्स में होगा इलाज, परशुराम, नरसिंह, कल्कि, राम अवतार समेत कई नाम के प्रोटोकॉल तैयार

New Delhi. अस्पताल में एडमिट हों या कोई भी संकट आ जाए, ईश्वर को मानने वाले लोग अपने और अपने परिवार की रक्षा के लिए भगवान के सामने हाथ जोड़कर यही कहते हैं 'भगवान हमारी रक्षा करना...'। प्राचीन आस्था और मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु के दस अवतार अलग-अलग रूप में समय समय पर इंसान की रक्षा करते रहे हैं। आम लोगों के इसी आस्था को इलाज के तरीके में अपनाकर एम्स ने लोगों का इलाज करना शुरू किया है, ताकि इलाज के लिए आने वाले लोगों को हेल्थ सिक्योरिटी मिल सके। उन्हें उनकी आस्था व कल्चर के साथ मॉडर्न तरीके से इलाज देने के लिए विष्णु के 10 अवतार के अनुसार प्रोटोकॉल तैयार किया है।

जानें 10 अवतार और उसके सार के अनुसार एम्स के प्रोटोकॉल

1- मत्स्य अवतार - सेफ्टी

- सर्जरी से पहले और बाद में चेक लिस्ट अपनाना

- इंफेक्शन कंट्रोल और सेफ मेडिकेशन प्रोटोकॉल


2- कुर्मा अवतार- स्टेबिलिटी

-पहला सेंटर जिसे एनएबीएच सर्टिफिकेट मिला

- हर महीने ऑडिट करना और चिंता करने के बजाए हल निकालना


3- वराह अवतार - रेस्क्यू

- मास कैजुअल्टी और डिजास्टर के लिए 15 बेड्स रिजर्व

- स्टेट ऑफ आर्ट बर्न इमरजेंसी की सुविधा


4- नरसिंह अवतार - करेज यानी साहस

- मरीज के बेनिफिट के लिए सेफ एनवायरमेंट उपलब्ध कराना और सही समय पर सही फैसला लेने की हिम्मत रखना

- मरीजों के परिजनों को भरोसा दिलाना, सही दवा और सही इलाज व बेस्ट इलाज उपलब्ध कराना


5- वामन अवतार - मानवता

- आयुष्मान भारत जैसे स्कीम लागू करना, हर तबके के लोगों को सस्ता और बेहतर इलाज उपलब्ध कराना

- टीम वर्क और कल्चर व मानवता के साथ काम करने को बढ़ावा देना


6- परशुराम अवतार - सही तरीके अपनाना

- नेशनल ह्यूमन राइट्स कमिशन के अनुसार मरीजों के 17 प्रकार के अधिकार हैं, जिसे बनाए रखना हैं

- डिजिटल रिकॉर्ड व डॉक्यूमेंट्स रखना और ब्लड और ब्लड प्रोडक्ट्स का सही इस्तेमाल करना


7- राम अवतार - वर्च्यू यानी सत्यनिष्ठा

- 100 पर्सेंट इथिकल तरीके से काम करना, ट्रीटमेंट व रिसर्च को अपनाए रखना

- सही क्लिनिक प्रैक्टिस करते रहना, स्टाफ को जागरूक रखना ताकि मरीजों की गोपनीयता बनी रहे


8- कृष्ण अवतार - कम्पैशन यानी करुणा

- सभी मरीजों के प्रति करुणा का भाव रखना

- एसिड बर्न जैसे मरीजों के सेवा में कोई कमी नहीं रखना, कोई भेदभाव नहीं रखना


9- बुद्ध अवतार - आत्मज्ञान, अपग्रेडेशन

- हर महीने स्टाफ की ट्रेनिंग, अपने ज्ञान अर्जित करने की तरीके अपनाए रखना

- क्वालिटी को बेहतर करने के लिए रेगुलर बेसिस पर फीडबैक लेना


10- कल्कि अवतार - जस्टिस

- मरीजों के इलाज से संबंधित सभी सूचना का डिस्प्ले करना, इलाज और खर्च को बताना

-एडमिशन की लिस्ट में ट्रांसपेरेंसी रखना और 100 पर्सेंट साइबर सेफ्टी सुनिश्चित रखना

बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी सेंटर को ‘नाभ’ का सर्टिफिकेशन

एम्स के बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी सेंटर को हाल ही में नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (नाभ) का सर्टिफिकेशन मिला है। यह एम्स का पहला सेंटर है, जिसे यह सर्टिफिकेट मिला है। इस सर्टिफिकेट को पाने के लिए सेंटर को हर तबके और हर लिहाज से मानक पर खरा उतरना पड़ता है।

नए प्रोटोकॉल का पॉजिटिव संकेत मिल रहा

डॉक्टर ने बताया कि जब हमने एनएबीएच पाने के लिए सभी मानकों पर काम किया तब हमें यह महसूस हुआ कि यह तो ठीक विष्णु के दस अवतार की तरह ही है, जिसमें हर मानक पर खरा उतरना जरूरी है। डॉक्टर ने कहा कि एक आम इंसान को सही तरीके से स्वास्थ्य की रक्षा हो इसके लिए हमने प्रोटोकॉल में इसे शामिल किया है, जिसका पॉजिटिव संकेत मिलने लगा है।

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