UDAIPUR. राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या से जुड़े 4 आरोपियों को 2 जुलाई को जयपुर एनआईए कोर्ट (NIA COURT) में पेश किया गया। इस दौरान आरोपियों के साथ लोगों की भीड़ ने मारपीट कर दी। वहीं, सुनवाई के बाद कोर्ट ने चारों आरोपियों को 12 जुलाई तक एनआईए की कस्टडी में भेज दिया है। अब दस दिन तक एनआईए की टीम चारों आरोपियों से कड़ी पूछताछ करेगी। मोहम्मद गौस, रियाज मोहम्मद के अलावा दो अन्य आरोपी मोहसिन और आसिफ हैं। ये दोनों भी टेलर कन्हैया के मर्डर की साजिश में शामिल बताए जाते हैं।
वहीं, कोर्ट परिसर में वकीलों और लोगों ने आरोपियों को फांसी देने की मांग करते हुए नारेबाजी की और आरोपियों के साथ जमकर मारपीट की। वकीलों ने आरोपियों के कपड़े फाड़ दिए। हालांकि, मौके पर मौजूद पुलिस ने बीच-बचाव करते हुए उन्हें कोर्ट रूम ले गई।
#WATCH | Udaipur murder incident: Accused attacked by an angry crowd of people while being escorted by police outside the premises of NIA court in Jaipur
All the four accused were sent to 10-day remand to NIA by the NIA court, today pic.twitter.com/1TRWRWO53Z
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) July 2, 2022
1 जून को दो और आरोपी गिरफ्तार हुए
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने चारों आरोपियों को जयपुर की एनआईए कोर्ट में किया था। इस कोर्ट का चार्ज सीबीआई कोर्ट एक के पास हैं। हत्यारों की सुरक्षा को देखते हुए कोर्ट में अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया था। कड़ी सुरक्षा के बीच एनआईए की टीम दोनों को कोर्ट में लगाई थी। इसके बाद कोर्ट के बाहर मौजूद लोगों ने आरोपियों की पिटाई कर दी। कन्हैया की हत्या वाले दिन (28 जून) पुलिस ने हत्यारे गौस मोहम्मद और रियाज को गिरफ्तार कर लिया था।
इसके अलावा दो अन्य आरोपी मोहसीन और आसिफ को 1 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें एक दिन की ट्रांजिट रिमांड पर भेजा गया। 2 जुलाई को चारों आरोपियों को एक साथ कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने चारों आरोपियों को 10 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। अब एनआईए की टीम चारों आरोपियों से 12 जुलाई तक पूछताछ करेगी।
ये है मामला
उदयपुर के धानमंडी इलाके में रहने वाले कन्हैयालाल टेलर थे और अपनी दुकान चलाते थे। 28 जून को दो मुस्लिम युवक कपड़े का नाप देने के बहाने दर्जी की दुकान पर पहुंचे और उस पर धारदार हथियार से वार करना शुरू कर दिया। ताबड़तोड़ हमलों ने उसे संभलने का मौका तक नहीं दिया। उसकी गर्दन कट गई और मौके पर ही मौत हो गई थी। हमले में दुकान पर काम करने वाला उसका साथी ईश्वर सिंह भी गंभीर रूप से घायल हो गया था।