LUCKNOW. उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने 12 अगस्त को सहारनपुर से जैश-ए-मुहम्मद और तहरीक-ए-तालिबान से जुड़े आतंकी को गिरफ्तार कर एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया। एटीएस ने उसकी पहचान मुहम्मद नदीम के रूप में की है। पूछताछ में आतंकी ने बताया कि पाकिस्तान के जैश के आतंकियों ने उसे नूपुर शर्मा की हत्या का टास्क दिया था।
फिदायीन हमले की फिराक में था
एटीएस ने बताया कि एजेंसी को सूचना मिली थी कि सहारनपुर के कुंडाकलां गांव में एक शख्स जैश और तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) से प्रभावित होकर फिदायीन हमले की तैयारी कर रहा है। इसके बाद मुहम्मद नदीम की पहचान करते हुए उससे पूछताछ की गई।
टीटीपी के आतंकी सैफुल्ला (पाकिस्तान) ने मुहम्मद नदीम को फिदायीन हमले की तैयारी के लिए ट्रेनिंग मटेरियल सोशल मीडिया के जरिए उपलब्ध करवाया था। नदीम सारा सामान जुटाकर किसी सरकारी बिल्डिंग या पुलिस परिसर में हमला करने की फिराक में था।
आतंकी संगठनों के चैट और ऑडियो मिले
नदीम के फोन की जांच में एक डॉक्यूमेंट मिला, जिसका शीर्षक Explosive Course Fidae Force था। यही नहीं, नदीम के फोन से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के जैश-ए-मुहम्मद और टीटीपी के आतंकियों से चैट और ऑडियो मैसेज मिले।
वर्चुअल नंबर और आईडी बनाने की ट्रेनिंग ली थी
मुहम्मद नदीम ने पूछताछ में बताया कि वह वॉट्सऐप, टेलीग्राम, आईएमओ, फेसबुक मैसेंजर, क्लब हाउस जैसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म के जरिए 2018 से जैश-ए-मुहम्मद और तहरीक-ए-तालिबान-ए-पाकिस्तान के संपर्क में है। उसने वर्चुअल नंबर बनाने की ट्रेनिंग ली थी। आतंकी संगठनों ने उसे 30 से ज्यादा वर्चुअल नंबर, वर्चुअल सोशल मीडिया आईडी बनाकर दी थी।
ट्रेनिंग के लिए जाने वाला था पाकिस्तान
एटीएस के मुताबिक, नदीम को अफगानिस्तान और पाकिस्तान में एक्टिव जैश और टीटीपी के आतंकी स्पेशल ट्रेनिंग देने के लिए पाकिस्तान बुला रहे थे। वह जल्द ही वीजा लेकर पाकिस्तान जाने वाला था। इसके बाद वह मिस्र के रास्ते सीरिया और अफगानिस्तान भी जाने की योजना बना रहा था। एटीएस को पता चला कि भारत में आतंकी के संपर्क में कुछ और लोग भी हैं। फिलहाल एटीएस ने उनकी धरपकड़ के लिए भी कार्रवाई शुरू कर दी है।