लखीमपुर: केंद्रीय मंत्री का बेटा 12 घंटे पूछताछ के बाद अरेस्ट, ड्राइवर की शर्ट से फंसा मामला

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लखीमपुर: केंद्रीय मंत्री का बेटा 12 घंटे पूछताछ के बाद अरेस्ट, ड्राइवर की शर्ट से फंसा मामला

लखनऊ. लखीमपुर कांड (Lakhimpur Case) में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) उर्फ मोनू को 3 अक्टूबर को करीब 12 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार (Arrest) कर लिया। जानकारी के मुताबिक, किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में नामजद आरोपी आशीष पूछताछ में स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (SIT) को लगातार बरगलाता रहा। SIT आशीष के जवाब से संतुष्ट नहीं हुई।आरोप (Allegation) ये है कि किसानों को जिस थार कार से रौंदा गया, वो आशीष मिश्रा चला रहा था। बचाव में आशीष और उनके पिता अजय मिश्रा की तरफ से लगातार ये दलीलें दी जा रही हैं कि घटनास्थल पर वो मौजूद ही नहीं था। इसी सवाल पर क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने भी आशीष से पूछताछ की।

इस सवाल पर आशीष फंसा

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, थार गाड़ी आशीष चला रहा था। पूछताछ में पहले आशीष ने कहा कि ड्राइवर हरिओम को मार दिया गया, जिसने पीली शर्ट पहनी थी। लेकिन थार के ड्राइवर ने सफेद शर्ट जैसा कुछ पहन रखा था, इसी बात पर पेंच फंस गया, जिसके बाद SIT ने आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया।

40 सवाल पूछे गए

बताया जा रहा है कि जांच एजेंसी की पूछताछ में आशीष से करीब 40 सवाल पूछे गए। SIT के एक सवाल का आशीष जवाब भी नहीं दे सका। उससे पूछा गया कि 3 अक्टूबर को दिन में 2.36 से 3.30 बजे तक वह कहां था? आशीष इस सवाल का जवाब नहीं दे पाया। आशीष ने घटना के दिन के वीडियो दिखाकर खुद को कहीं और बताने की कोशिश जरूर की। जिस वक्त किसानों को कार से रौंदने की घटना हुई, ठीक उस वक्त वो कहां था, ये साबित करने में वो नाकाम रहा।

पुलिस ने क्या कहा?

DIG उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि लंबी पूछताछ के बाद हमने पाया कि वो (आशीष) सहयोग (Cooperate) नहीं कर रहे हैं, कई सारी बातें नहीं बताना चाह रहे, इसलिए उन्हें गिरफ्तार कर रहे हैं। उधर, आशीष के वकील ने बताया कि फिलहाल वे जेल में रहेंगे। 11 अक्टूबर को मामले की सुनवाई होगी। गिरफ्तारी के बाद आशीष को लखीमपुर जेल में ले जाया गया। 

थार का नहीं था इंश्योरेंस

लखीमपुर हिंसा मामले में एक और खबर सामने आई कि जिस थार गाड़़ी ने किसानों की जान ली, उसका इंश्योरेंस खत्म हो गया था। गाड़ी का इंश्योरेंस 13 जुलाई 2018 से खत्म हो चुका है। बताया जा रहा है कि यह गाड़ी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के नाम पर है।

पहले समन पर नहीं पहुंचा था आशीष

क्राइम ब्रांच ने आशीष मिश्रा को 7 अक्टूबर को पहली बार समन किया था, जिसमें वो नहीं पहुंचा। लखीमपुर पुलिस जब समन लेकर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के घर पहुंची थी, तब वहां कोई नहीं था। पुलिस मंत्री के घर दूसरी नोटिस चस्पा कर आई थी। क्राइम ब्रांच ने आशीष को दोबारा तलब किया और 9 अक्टूबर को 11 बजे तक पहुंचने को कहा। आशीष इससे पहले ही पहुंच गया था।

कैसे शुरू हुआ था विवाद?

3 अक्टूबर को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तय कार्यक्रम के तहत लखीमपुर खीरी के दौरे पर थे। उन्हें रिसीव करने के लिए गाड़ियां जा रही थीं। ये गाड़ियां केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष की बताई गईं। रास्ते में तिकुनिया इलाके में किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इससे झड़प हो गई। बाद में आरोप लगाया गया कि आशीष ने किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी, जिससे 4 लोगों की मौत हो गई। किसानों की मौत के बाद मामला बढ़ गया और हिंसा भड़क गई। हिंसा में बीजेपी नेता के ड्राइवर समेत चार लोगों की मौत हो गई। कुल मिलाकर इस हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई।

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