लखनऊ. उत्तर प्रदेश में 3 अक्टूबर (रविवार) को हुई हिंसा के बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री (MoS) अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष समेत 14 लोगों पर हत्या, आपराधिक साजिश और बलवे का केस दर्ज हुआ है। कल लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष की कार ने कथित तौर पर प्रदर्शनकारी किसानों को रौंद दिया। इससे 4 किसानों की मौत हो गई। वहीं, इस घटना के बाद भड़की हिंसा (Violence) में और चार लोग मारे गए। इस पूरे बवाल में 8 लोगों की मौत हो गई। 4 अगस्त को एक जर्नलिस्ट का शव मिला। लिहाजा हिंसा में मरने वालों की संख्या 9 हो गई है।इस पर सियासत (Politics) भी तेज भी हो गई। प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandi Vadra) दिल्ली से 3 अक्टूबर की देर रात लखनऊ पहुंचीं। इसके बाद वे लोगों से मिलने लखीमपुर जा रही थीं। प्रियंका को पुलिस ने 4 अक्टूबर तड़के 5.30 बजे हिरासत (Detained) में ले लिया। उन्हें लखीमपुर गेस्ट हाउस में रखा गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बड़े नेताओं को हाउस अरेस्ट (House Arrest) करने को कहा था। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने भी लखीमपुर घटना पर तल्ख टिप्पणी की।
तुम लोग धक्का देकर मुझे लाए हो
लखीमपुर खीरी में हिंसा भड़कते ही पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी 3 अक्टूबर देर रात लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हुईं, लेकिन उन्हें सीतापुर के हरगांव में हिरासत में ले लिया गया। करीब 5 घंटे और 150 किलोमीटर तक प्रियंका और यूपी पुलिस के बीच लुकाछिपी चलती रही। प्रियंका को जब हिरासत में लिया गया तो वे गुस्से में थीं। उन्होंने पुलिस से कहा कि तुम लोग मुझे धक्का देकर लाए हो। किसान के साथ जो हो रहा है, ये सरकार किसानों को कुचलने की तैयारी कर रही है। मैं कोई अपराध करने नहीं जा रही। मैं लोगों से मिलने जा रही हूं। रोकने की कोई वजह होनी चाहिए।
"मैं उन किसानों से महत्वपूर्ण नहीं हूं, जिनको तुमने मारा है।"@priyankagandhi जी के ये भाव बता रहे हैं कि वो किस दर्द और पीड़ा के साथ किसानों से जुड़ी हुई है और रातभर सड़कों पर उतरी है।
न्याय तो अब होकर रहेगा जोगी जी...#PriyankaGandhiwithFarmers#लखीमपुर_किसान_नरसंहार pic.twitter.com/nc45BN9D9S
— Congress (@INCIndia) October 4, 2021
रात को ही लखनऊ से निकल गईं प्रियंका
कांग्रेस के मुताबिक, प्रियंका देर रात 10 बजे के आसपास लखनऊ पहुंचीं। यहां से प्रियंका सीधे अपने लखनऊ स्थित कौल आवास पहुंचीं। दावा है कि यहां पुलिस ने उन्हें नजरबंद कर दिया। एक कांग्रेस नेता ने दावा किया कि प्रियंका के घर के बाहर 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी और करीब 150 महिला कॉन्स्टेबल तैनात थे। हालांकि, रात 12 बजे के आसपास प्रियंका लखीमपुर के लिए रवाना हो गईं। कांग्रेस का दावा है कि यूपी पुलिस ने प्रियंका को लखनऊ में ही रोकने की कोशिश की थी।
ये रौद्र रूप है नारी का, दहन करेगी अहंकार।
यूपी की सड़कें भाजपा के घटियापन की गवाह बनी है।@priyankagandhi जी और @DeependerSHooda जी के साथ भाजपा की गुलाम पुलिस का रवैया अमानवीयता की हद है।
किसान को न्याय तो हम दिलाकर रहेंगे।#PriyankaGandhiwithFarmers#लखीमपुर_किसान_नरसंहार pic.twitter.com/fwIfq1rn4f
— Congress (@INCIndia) October 4, 2021
आप नेता को पुलिस ने रोका, अखिलेश को भी घर से निकलने में दिक्कत
लखीमपुर जा रहे आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद संजय सिंह को भी यूपी पुलिस ने रोक दिया। संजय ने कहा कि आखिर मुझे क्यों रोका जा रहा है। मैं कोई अपराधी (Criminal) नहीं हूं। वहीं, सपा (SP) नेता अखिलेश यादव भी लखनऊ से लखीमपुर जाने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनके घर के बाहर काफी पुलिसबल तैनात है। घर में उनके काफी समर्थक मौजूद हैं। बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा को भी नजरबंद कर दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री की सफाई
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा कि हमारा रूट डायवर्ट किया गया था। हम लोगों पर तलवार, लाठी-डंडों से हमला किया गया।
#WATCH: We had this info that some farmers were peacefully protesting...Our route was diverted. During the same time, some unruly elements hidden among farmers attacked BJP workers' cars with lathis. We have a video of it...: MoS Home Ajay Mishra Teni
(Source: Self-made video) pic.twitter.com/4M4o2Yd2tn
— ANI (@ANI) October 3, 2021
केंद्रीय मंत्री का बेटा बोला- उपद्रवी तत्वों ने गाड़ी जलाई
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष ने कहा कि मैं किसानों के बीच कुछ उपद्रवी तत्व मौजूद थे। उन्होंने पत्थर मारे। गाड़ी अनबैलेंस हुई। इसे जला दिया गया।
#WATCH | "...Some unruly elements attacked our workers, killed 4-5 of them. I was in Banbirpur from 9 am till the end...I have not been at (incident) spot for 2 days...It could be that they don't like me & using politics...," said Ashish Mishra, son of MoS Home Ajay Mishra pic.twitter.com/ohOZ6BfKIg
— ANI UP (@ANINewsUP) October 3, 2021
बड़ी घटना की कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेता- सुप्रीम कोर्ट
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा पर बड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा है कि जब ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं होती हैं तो कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं होता। प्रदर्शनकारी दावा तो करते हैं कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण है, लेकिन जब वहां हिंसा होती है तो कोई जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं होते। वहीं, केंद्र की तरफ से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि लखीमपुर खीरी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए किसानों के विरोध प्रदर्शन पर तुरंत रोक लगाने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट में किसान महापंचायत की उस याचिका पर सुनवाई हो रही थी, जिसमें जंतर-मंतर पर सत्याग्रह करने की अनुमति मांगी गई थी।