कानपुर. यहां के इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Perfume Businessman Piyush Jain) की इस समय पूरे देश में चर्चा में है। उनके ठिकानों पर दो दिन से चल रही छापेमार (Raid) कार्रवाई में 179 करोड़ रुपए कैश (Cash) बरामद हो चुके हैं। पैसे दीवारों में छिपाकर रखे गए थे। पैसे गिनने के लिए कई मशीनें बुलानी पड़ीं। फिलहाल कार्रवाई जारी है। पीयूष जैन कुछ महीनों पहले समाजवादी इत्र लॉन्च कर चर्चा में आए थे। कौन से पीयूष जैन और कैसे अफसरों के हत्थे चढ़े, हम आपको सब बताने जा रहे हैं...
गुजरात से शुरू हुई कहानी...
कुछ समय पहले गुजरात में पकड़े गए ट्रकों में मिले फर्जी ई-वे बिल और फर्जी इनवॉइस मिला। इसने इत्र कारोबारी पीयूष जैन, ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन और शिखर पान मसाला के मालिक के बीच चल रही साठगांठ की पोल खोल दी। ट्रकों को पकड़ने के बाद डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) की टीम ने लंबे समय तक रेकी की।
इसके बाद 22 दिसंबर (बुधवार) को सबसे पहले शिखर पान मसाला वालों और ट्रांसपोर्टर के यहां छापा मारा। यहां से पीयूष जैन के नाम से कई फर्जी बिल मिले। यहीं से पीयूष टीम के निशाने पर आ गया। कन्नौज में कार्रवाई के दौरान उसके (पीयूष) घर से मिली डायरी ने भी तीनों को घेरने का काम किया। डायरी में इन दोनों (ट्रांसपोर्टर प्रवीण और शिखर पान मसाला के मालिक) के नाम के साथ ही उनसे लेनदेन, माल सप्लाई आदि का भी जिक्र है। सूत्रों के मुताबिक, गुजरात में पकड़े गए ट्रकों के बाद पता चला था कि लिखा-पढ़ी में माल कहीं और दिखाया जाता था और असल में जाता कहीं और था।
सबूत हाथ आए तो कार्रवाई
इसके बाद से DGGI की टीम ने निगरानी (Survillance) शुरू कर दी। पूरे सबूत जुटाने के बाद कार्रवाई की। हालांकि, इतने बड़े पैमाने पर कैश मिलने से अफसर भी हैरान हैं। जांच में पता चला कि ज्यादातर कारोबार कैश में किया जाता था। अलग-अलग स्थानों पर जाने वाले माल में कमीशन भी लिया जाता था। हर दिन दिन बड़ी संख्या में ट्रकों की लोडिंग-अनलोडिंग दिखाई जाती थी।
कौन हैं पीयूष जैन?
पीयूष मूलरूप से कन्नौज के छिपत्ती के रहने वाले हैं और वर्तमान में जूही थाना क्षेत्र के आनंदपुरी में रहते हैं। पीयूष इत्र कारोबारी है और फैक्ट्री कन्नौज की इत्र वाली गली में है। वहीं से पीयूष अपना कारोबार चलाते हैं। इनके कन्नौज, कानपुर के साथ मुंबई में भी ऑफिस हैं। कन्नौज स्थित फैक्ट्री से इत्र मुंबई जाता है। यहां से पूरे देश और विदेश में बेचा जाता है। इनकम टैक्स विभाग (IT Department) को पीयूष जैन की करीब 40 कंपनियों की जानकारी मिली है, जिनके जरिए पीयूष अपना इत्र कारोबार चला रहे थे। आज भी कानपुर की ज्यादातर पान मसाला यूनिट, पान मसाला कम्पाउंड पीयूष से ही खरीदती है।
'समाजवाजी इत्र' की लखनऊ में की थी लॉन्चिंग
पीयूष ने एक महीने पहले लखनऊ में 'समाजवादी इत्र' की लॉन्चिंग की थी। यह लॉन्चिंग सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने की थी। इस दौरान पीयूष ने कहा था कि 2022 के चुनावों को देखते हुए यह इत्र 22 फूलों से बनाया गया है। इसकी खुशबू देश ही नहीं, विदेश तक फैलेगी। लॉन्चिंग के समय ही पीयूष के पड़ोसी सपा एमएलसी पम्पी जैन ने कहा था कि यह इत्र ऐसा है, जिसके इस्तेमाल से समाजवाद की खुशबू आएगी।
इनकम टैक्स विभाग ने गुरुवार को मारा था छापा
इंटेलिजेंस की सूचना के आधार पर DGGI, अहमदाबाद के अधिकारियों ने कानपुर में पान मसाला समूह की फैक्ट्री परिसर और ट्रांसपोर्टर से संबंधित परिसरों में तलाशी शुरू की थी। इसी दौरान आईटी टीम को पीयूष जैन और सुपारी कारोबारी के टैक्स चोरी करने की टिप मिली। इसके बाद गुरुवार (23 दिसंबर) को पीयूष जैन और सुपारी कारोबारी के यहां छापेमारी की।
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