प्रयागराज. रायपुर और हरिद्वार धर्मसंसद का विवाद अभी थमा नहीं है कि प्रयागराज में 29 जनवरी को एक और धर्मसंसद हो गई। इसमें संत समाज की तरफ से कहा गया कि जो लोग हिंदू धर्म का सम्मान नहीं करते, उन्हें पाकिस्तान और बांग्लादेश चले जाना चाहिए।
हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग: पहले प्रस्ताव में धर्मसंसद में मौजूद संतों ने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की बात कही। दूसरे प्रस्ताव में धर्मांतरण के मामलों को पूरी तरह से रोकने के लिए कानून को और सख्त करने और धर्मांतरण कराने वालों को फांसी की सजा देने की मांग की गई। तीसरे प्रस्ताव में हरिद्वार धर्मसंसद में भड़काऊ भाषण देने वाले स्वामी यति नरसिंहानंद और जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को बिना शर्त जेल से रिहा किए जाने की भी मांग की गई।
महामंडलेश्वर प्रभुदानंद महाराज ने इस्लाम को जिहादी बिल्ली और हिंदुओं को कबूतर बताया। उनकी तरफ से कहा गया कि जो भी देश विरोधी गतिविधियों में शामिल है और जो हिंदुओं का सम्मान नहीं कर सकते, उन्हें पाकिस्तान या बांग्लादेश चले जाना चाहिए।
हथियार धारण करें: संत केशरी महाराज ने कहा कि 3 जगहों से फतवे जारी किए जाते हैं। भारत सरकार को इन संस्थाओं को खत्म कर देना चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जगतगुरु शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि हम अपने देवी-देवताओं से शिक्षा ग्रहण कर हाथों में अस्त्र शस्त्र धारण करें। रोको, टोको और ना मानने पर ठोक दो। सरकार को देश का रक्षा बजट बढ़ाने बढ़ाना चाहिए और देशद्रोहियों को गर्म तेल से नहलाना चाहिए। उन्होंने महात्मा गांधी को भी राष्ट्रपिता मानने से मना कर दिया और नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भारत का पहला प्रधानमंत्री बताया।
हिंदू करें 5 बच्चे: शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने ये भी मांग की कि उत्तराखंड सरकार बिना शर्त यति नरसिंहानंद और जितेंद्र नारायण त्यागी को एक महीने के अंदर रिहा करे। ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा। धर्मांतरण करने वालों को फांसी होनी चाहिए। हिंदुओं को 5 बच्चे पैदा करने चाहिए।