/sootr/media/post_banners/4c728eb6a48b7ab9845b53b74fec805cce509a76fea9363b6f85a641782e5448.jpg)
New Delhi. सनातन धर्म को लेकर बयानों पर बवाल जारी है। सनातन को लेकर विवादित टिप्पणी करने पर सुर्खियों में आए तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बहाने एक बार फिर सनातन पर हमला बोला है। बुधवार (20 सितंबर) को अपनी पार्टी के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा- नए संसद भवन के उद्घाटन में राष्ट्रपति मुर्मू को इसलिए नहीं बुलाया गया क्योंकि वह आदिवासी समुदाय से हैं और विधवा हैं, क्या यही सनातन है? उन्होंने सवाल उठाते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
इससे पहले क्या कहा था?
तमिलनाडु के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि ने इससे पहले सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से की थी, जिसके बाद देशभर में तीखी बहस छिड़ गई थी। खासकर बीजेपी ने इस मुद्दे पर स्टालिन के बहाने इंडिया गठबंधन को भी घेरा था। मामले में विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने भी उदयानिधि को संयम बरतने की सलाह दी थी तो मोदी ने अपने मंत्रियों को सनातन पर जवाब देने को खुलकर जवाब देने को कहा था।
सनातन के खिलाफ अपनी आवाज उठाना जारी रखेंगे
बुधवार को मदुरै में पार्टी के एक कार्यक्रम में संबोधन करते हुए उदयानिधि ने कहा, "हमारे देश का पहला नागरिक कौन है? राष्ट्रपति, उनका नाम क्या है? द्रौपदी मुर्मु। उन्हें नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के लिए आमंत्रित नहीं किया गया। क्योंकि वह आदिवासी समुदाय की हैं और विधवा हैं। इसे ही हम सनातन कहते हैं? हम सनातन के खिलाफ अपनी आवाज उठाना जारी रखेंगे।"
संतों को बुलाया... राष्ट्रपित को नहीं?
उदयनिधि ने कहा है कि नई संसद का निर्माण मॉन्यूमेंट प्रोजेक्ट के तहत 800 करोड़ रुपये खर्च करके किया गया। उन्होंने (बीजेपी) तमिलनाडु से अधीनम (संतों) को बुलाया, लेकिन इसके उद्घाटन पर राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया। स्टालिन ने महिला आरक्षण बिल की पेशी के दौरान कुछ हिंदी अभिनेत्रियों को इनवाइट किए जाने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण बिल की पेशी के समय भी राष्ट्रपति को नहीं पूछा गया है। स्टालिन में दावा किया कि ये तमाम चीजें सनातन धर्म के प्रभाव की वजह से हैं।
‘मैं डरने वाला नहीं, सनातन के खात्मे के लिए ही की डीएमके की स्थापना’
सनातन पर अपनी पूर्व की टिप्पणी पर कायम रहते हुए उदयनिधि ने कहा, लोगों ने मेरे सिर पर इनाम रख दिया, लेकिन मैं इन सब चीजों से डरने वाला नहीं हूं। डीएमके की स्थापना ही सनातन के खात्मे के लिए हुई थी और हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक अपने लक्ष्य को नहीं हासिल कर लेते हैं।
पीएम मोदी ने 28 मई को किया था नए संसद भवन का उद्घाटन
28 मई 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया था, लेकिन उसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाया गया था। इसे लेकर विपक्ष के 21 दलों ने उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार किया था। उनकी दलील थी कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति मुर्मू के हाथों करवाया जाना चाहिए था न कि प्रधानमंत्री मोदी के हाथो।