देहरादून. केदारनाथ मंदिर के कपाट 6 नवंबर को मंत्रोच्चारण के बीच शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस दौरान मंदिर परिसर में काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
सुबह चार बजे से विशेष पूजा
सुबह चार बजे से ही केदारनाथ मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना शुरू हो गई थी। मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने आराध्य का श्रृंगार कर आरती उतारी। इस मौके पर स्वयंभू लिंग को समाधि रूप देकर पुष्प व भस्म से ढंका गया। भगवान की भोग मूर्तियों को चल विग्रह उत्सव डोली में विराजमान कर भक्तों के दर्शनों के लिए कुछ देर मंदिर परिसर में रखा गया। सुबह 8 बजे शुभ लग्न पर कपाट बंद कर दिए गए।
अब ऊखीमठ में रहेंगे भगवान शिव
बाबा केदार की डोली मंदिर की तीन परिक्रमा कर अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना हुई। भक्तों के जयकारों के बीच डोली पैदल मार्ग से 17 किमी का सफर तय कर दोपहर में पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी। 8 नवंबर को डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में छह महीने की शीतकालीन पूजा-अर्चना के लिए विराजमान हो जाएगी। हर साल भाई दूज के दिन केदारधाम के कपाट 6 महीने के लिए बंद कर दिए जाते हैं।