RANCHI : धोनी के घुटनों के दर्द का इलाज कर रहे वंदन सिंह, दूध में मिलाकर पिलाते हैं जड़ी-बूटी; कैप्टन कूल से भी लेते हैं 40 रुपए

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Rahul Garhwal
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RANCHI : धोनी के घुटनों के दर्द का इलाज कर रहे वंदन सिंह, दूध में मिलाकर पिलाते हैं जड़ी-बूटी; कैप्टन कूल से भी लेते हैं 40 रुपए

RANCHI. भारत को दो वर्ल्ड कप और एक चैंपियंस ट्रॉफी जिताने वाले सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी वैद्य वंदन सिंह खेरवार के फैन हैं। माही घुटनों के दर्द से परेशान हैं और वंदन सिंह से अपना इलाज करा रहे हैं। धोनी को जड़ी-बूटियों पर भरोसा है। वैद्य वंदन सिंह खेरवार रांची से 70 किलोमीटर दूर जंगल से घिरे लापुंग इलाके में रहते हैं। कटिंगकेला के गलगली धाम में वे तंबू लगाकर लोगों का इलाज करते हैं। वैद्य वंदन धोनी को दूध में जड़ी-बूटी मिलाकर पिलाते हैं।



धोनी के माता-पिता को आराम, अब माही भी ले रहे दवा



वैद्य वंदन सिंह पिछले 20 दिनों से धोनी का इलाज कर रहे हैं। माही 4-5 दिनों के गैप में दवा ले रहे हैं। वे अब तक 5 बार दवा ले चुके हैं। महेंद्र सिंह धोनी के माता-पिता पिछले 4 महीनों से वैद्य वंदन से इलाज कराने के लिए आ रहे हैं। उनके घुटनों में भी दर्द था। वैद्य वंदन की दवा खाने के बाद उनके घुटनों में आराम है। इसलिए अब महेंद्र सिंह धोनी भी वैद्य वंदन से अपने घुटनों का इलाज करा रहे हैं।



धोनी को नहीं पहचानते थे वंदन सिंह



आपको ये जानकर हैरानी होगी कि वैद्य वंदन सिंह खेरवार महेंद्र सिंह धोनी को नहीं पहचानते थे। जब वे उनके पास आए थे तो उन्हें नहीं पता था कि ये धोनी हैं। जब लोगों ने धोनी के साथ तस्वीरें लेनी शुरू की तो वैद्य वंदन को पता चला कि ये धोनी हैं। वैद्य वंदन के पास बहुत सारे मरीज आते हैं। इसलिए वे धोनी से ज्यादा बात नहीं कर सके। धोनी गाय के दूध में मिली हुई जड़ी-बूटी पीकर चले गए।



दो तरीके से इलाज करते हैं वैद्य वंदन सिंह खेरवार



वैद्य वंदन सिंह दो तरीके से इलाज करते हैं। पहला वे गाय के दूध में जड़ी-बूटी मिलाकर मरीज को पिलाते हैं और दूसरा वे दर्द वाली जगह पर जड़ी-बूटी लगाते हैं। वैद्य वंदन सिंह खेरवार टूटी हुई हड्डी भी जोड़ देते हैं। वे आसपास के जंगल से ही जड़ी-बूटी लाते हैं। जड़ी-बूटियां कुछ ही घंटों में खराब हो जाती हैं। इसलिए स्टोर करके नहीं रखते। हर 10 मिनट में दवा बनाकर मरीज को पिता देते हैं। वैद्य वंदन सिंह बताते हैं कि जड़ी-बूटी को पीने से शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है जिससे टूटी हुई हड्डी भी जुड़ जाती है। शरीर में कैल्शियम की कमी से हड्डियों में दर्द होता है।



वैद्य वंदन माही से भी लेते हैं 40 रुपए



वैद्य वंदन सिंह खेरवार महेंद्र सिंह धोनी से भी बाकी मरीजों की तरह ही व्यवहार करते हैं। वे एक खुराक के 40 रुपए लेते हैं। जड़ी-बूटी का पैसा नहीं लेते लेकिन दूध का 40 रुपए लगता है। वैद्य वंदन महेंद्र सिंह धोनी से भी 40 रुपए ही लेते हैं। वैद्य वंदन सिंह ने बताया कि उनके गुरु ने कहा था कि सिर्फ दूध के पैसे लेना, जड़ी-बूटी के नहीं। इसलिए वे जड़ी-बूटी के पैसे नहीं लेते। वैद्य वंदन सिंह ने झारखंड विधानसभा के पूर्व स्पीकर दिनेश उरांव के भाई विजय उरांव का इलाज किया था। उनकी कमर टूट गई थी लेकिन इलाज के बाद वे ठीक हो गए थे। वैद्य वंदन के पास छत्तीसगढ़, ओडिशा, बंगाल, दिल्ली, कोलकाता और वेल्लोर से भी मरीज इलाज कराने आते हैं।



तीसरी क्लास तक पढ़े हैं वैद्य वंदन सिंह, घासी सिंह ने इलाज करना सिखाया



वैद्य वंदन सिंह खेरवार 27 सालों से इलाज कर रहे हैं। उन्होंने तीसरी क्लास तक पढ़ाई की है। जब वे युवा थे तो एक लड़की का पैर टूट गया था। वे उसे लेकर गुमला गए थे लेकिन सदर अस्पताल में उसका इलाज नहीं हुआ। वंदन के ससुराल वालों ने कहा कि गांव में ही उसका इलाज हो जाएगा। गांव में बच्ची का इलाज किया गया और उसका पैर जुड़ गया। वहां वंदन सिंह की मुलाकात घासी सिंह से हुई। उन्होंने वंदन सिंह को इलाज करना सिखाया। घासी सिंह उनके गुरू हैं। मां ने भी वंदन सिंह को जड़ी-बूटियों की पहचान करना सिखाया है। वैद्य वंदन सिंह की दवा से सभी को आराम मिलता है। इतने सालों में उनके पास एक भी शिकायत नहीं आई।


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