NEW DELHI. अगले कुछ दिनों में देश की सियासत अलग ही रंग में रंगने वाली है। देश के 5 राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा से पहले चुनाव आयोग ने शुक्रवार (6 अक्टूबर) को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के साथ पर्यवेक्षकों की बैठक की। सूत्रों के मुताबिक, इन राज्यों में 15 नवंबर से 7 दिसंबर तक मतदान हो सकते हैं। तारीखों का ऐलान 8 अक्टूबर के बाद कभी भी हो सकता है। 2018 में 6 अक्टूबर को तारीखों का ऐलान हुआ था।
मप्र समेत चार राज्यों में एक ही चरण में मतदान होने की संभावना
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा- यह तय करना है कि चुनावों में कोई भी मनी पावर और मसल्स पावर से वोटरों को प्रभावित न कर सके। मॉडल कोड प्रभावी ढंग से लागू हो। चुनाव पूरी तरह हिंसा मुक्त हों। चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, मिजोरम और तेलंगाना में 2018 की तरह एक ही चरण में मतदान हो सकता है। छत्तीसगढ़ में भी पिछली बार की तरह दो चरणों में मतदान किए जाएंगे।
पांचों राज्यों में मतदान की तारीखें अलग तो मतगणना एक ही दिन
पांचों राज्यों में मतदान की तारीखें अलग-अलग हो सकती हैं। पांचों राज्यों में वोटों की गिनती एकसाथ 10 से 15 दिसंबर के बीच हो सकती है। जिन पांच राज्यों में चुनाव होना है, उनमें से 2 में महिला वोटर, पुरुषों की तुलना में ज्यादा हैं।
चार राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल जनवरी में होगा खत्म
तेलंगाना, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की विधानसभाओं का कार्यकाल अगले साल जनवरी में अलग-अलग तारीखों पर खत्म हो रहा है। तेलंगाना में के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (BRS) का शासन है, जबकि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकारें हैं। मिजोरम की विधानसभा का कार्यकाल इस साल 17 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। भाजपा की सहयोगी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) पूर्वोत्तर राज्य में सत्ता में है।
चुनाव तारीखों को अंतिम रूप देने की कवायद
पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा से पहले, चुनाव आयोग ने राजस्थान, मिजोरम, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में चुनाव तैयारियों का जायजा लिया है।