Indore: विजयवर्गीय और सिंधिया दोनों फिर आमने-सामने, प्रतिष्ठा का मुद्दा बना वार्ड 64

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Vivek Sharma
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Indore: विजयवर्गीय और सिंधिया दोनों फिर आमने-सामने, प्रतिष्ठा का मुद्दा बना वार्ड 64

Indore: मप्र क्रिकेट एसोसिएशन के चुनावों में कई बार आमने-सामने आ चुके भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय और पूर्व कांग्रेस नेता व वर्तमान में भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अब फिर आमने-सामने आ गए हैं। एक ही पार्टी में होने के बाद भी दोनों के बीच की यह लड़ाई एक छोटे वार्ड 64 के लिए हो रही है। दरअसल इस वार्ड से विजयवर्गीय अपने सबसे खास सहयोगी मनीष मामा को पार्षद का टिकट दिलाने पर अडे हुए हैं, वहीं सिंधिया ने पवन जायसवाल का नाम आगे किया है। 



 जायसवाल एनएसयूआई में रहे हैं और शुरू से ही उनके साथ रहे। सिंधिया के साथ वह भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ गए थे। मामा और जायसवाल दोनों ही पार्टी कार्यालय पर डटे हैं। अब सूची जारी होने के बाद ही पता चलेगा कि इस लड़ाई में कौन भारी पड़ा।





विधानसभा चुनाव अगले साथ, अपनों को टिकट नहीं तो फंस जाएंगे





सभी विधायकों का पार्षद सूची को लेकर जमकर विरोध चल रहा है, विधानसभा एक में सुदर्शन गुप्ता उन सभी लोगों को टिकट देने के खिलाफ है जिन्होंने बीते विधानसभा चुनाव में उनके लिए गड्‌ढे किए, वहीं विधानसभा दो में कैलाश और रमेश मेंदोला अपने समर्थकों के लिए लगे हुए हैं, क्योंकि पार्टी गाइडलाइन के चलते कई लोगों के टिकट कट रहे हैं।  विधानसभा तीन में आकाश विजयवर्गीय के साथ ही गोपी नेमा, उषा ठाकुर भी टिकट वितरण से नाराज हैं। विधानसभा चार की सूची को लेकर एकलव्य गौड़ का विरोध है तो पांच में महेंद्र हार्डिया अपने समर्थकों के लिए लगे हुए हैं। इसी तरह राउ विधानसभा में भी सिर फुटव्वल की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में युवा नगराध्यक्ष गौरव रणदिवे के लिए बड़े-बड़े वरिष्ठ भाजपा नेताओं के दबाव को सहना भारी पड रहा है। दरअसल सभी विधायकों और अगले साल विधायकी की दावेदारी करने वालों को चिंता है कि अभी यदि वह अपने वालों को टिकट नहीं दिला सके या विरोधियों को मिल गए तो मात्र 15 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में यह उनके लिए भारी पड़ेगा, नाराज कार्यकर्ता विरोध में हराने पर उतर आएंगे।





 यहां आपस में उलझ रहे भाजपा नेता





विधानसभा एक में पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता का मांगीलाल रेडवाल के परिवार को टिकट दिने पर विरोध है, आरोप है कि बीते चुनाव में उनके खिलाफ काम किया था। उषा ठाकुर एक बार यहां कैसे जीत चुकी है, ऐसे में वह अपने समर्थकों पराग कौशल, गोविंद पवार आदि के टिकट मांग रही हैं।  सांसद शंकर लालवानी बाबा यादव के परिजन के लिए टिकट मांग रहे हैं।





विधानसभा दो 





यहां कैलाश-रमेश की पकड़ के चलते बहुत विरोध नहीं है, लेकिन पार्टी कई बार पार्षद रह चुके कुछ नेताओं के टिकट काटकर युवाओं को मौका देना चाहती है। हालाकिं चंदू शिंदे, सुरेश कुरवाडे, राजेंद्र राठौर के टिकट फाइनल माने जा रहे हैं।





विधानसभा तीन





 यहां से युवराज उस्ताद अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहे हैं, पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन के भी कुछ समर्थक है। वहीं बबली ठाकुर के टिकट को लेकर आकाश विजयवर्गीय और उषा ठाकुर के बीच विवाद है। 





विधानसभा चार





 इस विधानसभा में कई जगह पर ताई अपने समर्थक अशोक डागा के परिवार के लिए के टिकट मांग रही है, वहीं सिंधी बाहुल क्षेत्र में सांसद लालवानी अपने समर्थक विशाल गिदवानी के लिए लगे हुए हैं। एकलव्य गौड़ अपने समर्थकों के लिए लगे हैं।





विधानसभा पांच





 वैसे तो विधानसभा महेंद्र हार्डिया की है लेकिन विधायक मेंदोला का भी यहां काफी दखल है और वह अपने समर्थकों के लिए लगे हुए हैं, वह राजा कोठारी के लिए टिकट मांग रहे हैं। हालांकि हार्डिया ने पार्टी को अपने समर्थकों की सूची देकर साफ कर दिया है कि बाकी आप कुछ भी करो, मुझे इनके टिकट चाहिए। प्रणव मंडल, सुनील पाटीदार, राजेश उदावत आदि उनके समर्थक हैं।





राउ





 यहां पर जीतू जिराती को लेकर मधु वर्मा सभी सक्रिय है, इनकी अपनी-अपनी सूची है, जिसके चलते राउ विधानसभा में हालत खराब है।





मुस्लिम बहुल क्षेत्र में जाने से बच रहे 





वहीं कई जगह यह भी देखने में आ रही है कि जहां पर मुस्लिम बहुल क्षेत्र है, वहां पार्टी को सही उम्मीदवार ही नहीं मिल रहे हैं, यहां पर टिकट के लिए अधिक दावेदारी नहीं है। पार्टी यहां पर मजबूत चेहरे तलाशने में लगी हुई है। चंदननगर, खजराना, आजादनगर से लेकर कई जगह इस तरह के वार्ड हैं।



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