क्या है बीर वाल दिवस का इतिहास: 26 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाएगा

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क्या है बीर वाल दिवस का इतिहास: 26 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाएगा

नई दिल्ली. गुरु प्रकाश पर्व  के मौके पर पीएम मोदी (PM Modi) ने बड़ी घोषणा की है। गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों की शहादत को पीएम मोदी का नमन करते हुए ट्वीट किया। पीएम मोदी ने कहा- इस साल से हर 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस (Veer Baal Diwas) के रूप में मनाया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा-  आज, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के पावन अवसर पर, मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि इस वर्ष से, 26 दिसंबर को 'वीर बाल दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। यह साहिबजादों के साहस के लिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि है। 





पीएम मोदी ने कहा- 'वीर बाल दिवस' उसी दिन होगा जिस दिन साहिबजादा जोरावर सिंह जी और साहिबजादा फतेह सिंह जी एक दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था। इन दोनों महानुभावों ने धर्म के महान सिद्धांतों से विचलित होने के बजाय मृत्यु को प्राथमिकता दी। पीएम मोदी ने कहा- माता गुजरी, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी और 4 साहिबजादों की वीरता और आदर्श लाखों लोगों को शक्ति देते हैं। वे अन्याय के आगे कभी नहीं झुके। उन्होंने एक ऐसी दुनिया की कल्पना की जो समावेशी और सामंजस्यपूर्ण हो। अधिक से अधिक लोगों को इनके बारे में जानना समय की मांग है।



 



क्या है इतिहास: गुरु गोविंद सिंह ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपनी चारों संतानों को देश पर कुर्बान कर दिया। गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादे अजीत सिंह की आयु बलिदान के वक्त 18 और जुझार सिंह की 15 वर्ष थी। 26 दिसंबर को ही दोनों साहिबजादे मुगलों के साथ लड़ते हुए चमकौर में धर्म की रक्षा के लिए शहीद हो गए थे। दो छोटे साहिबजादों नौ वर्ष के जोरावर सिंह और छह वर्ष के फतेह सिंह को धर्म परिवर्तन न करने के कारण मुगल बादशाह औरंगजेब के हुक्म पर 28 दिसंबर को दीवार में चुनवा दिया गया था।





प्रकाश पर्व की दी बधाई: पीएम मोदी ने इससे पहले प्रकाश पर्व की बधाई दी। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा- श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व की बधाई। उनका जीवन और संदेश लाखों लोगों को शक्ति देता है। मैं इस तथ्य को हमेशा संजोकर रखूंगा कि हमारी सरकार को उनके 350वें प्रकाश उत्सव को मनाने का अवसर मिला है। उस समय की मेरी पटना यात्रा की कुछ झलकियां साझा कर रहा हूं। बता दें कि गुरु गोविंद सिंह के 350वें प्रकाश पर्व के मौके पर मोदी पटना में थे।





पंजाब चुनाव पर भी फोकस: पंजाब चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा कर दी है। पीएम मोदी की इस घोषणा के बाद कई जानकार पंजाबी वोट साधने को जोड़कर भी देख रहे हैं। बता दें कि इससे पहले पीएम मोदी ने पंजाब और पश्चिमी यूपी को साधने के लिए तीन कृषि कानून वापस लिए थे। 



 



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