क्या पत्नी का सेक्स से इनकार करना पति के साथ क्रूरता है? जी हां, बिल्कुल। सेक्स के लिए मना करना कानूनी रूप से तलाक का आधार बन सकता है। हाल ही में तलाक के एक ऐसे मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अहम फैसला देते हुए कहा है कि पति-पत्नी एक दूसरे को सेक्स करने से इनकार नहीं कर सकते। यदि वे ऐसा करते हैं तो इसे क्रूरता के बराबर माना जाएगा। आइए आपको बताते हैं कि यदि कोई पति या पत्नी लगातार सेक्स से इनकार करे तो कानूनी रूप से क्या किया जा सकता है।
पति को बदसूरत मानकर पत्नी ने 10 साल से नहीं बनाए संबंध: दरअसल मामला ये है कि एक पति-पत्नी के बीच 10 साल से शारीरिक संबंध नहीं थे। वो इसलिए कि पत्नी अपने पति को मोटा और बदसूरत समझती थी। वो पति के साथ रहने के बजाय मायके में रहती थी। इससे पति लंबे समय से मानसिक तौर पर प्रताड़ित हो रहा था। उसने तलाक लेने के लिए फैमिली कोर्ट में आवेदन किया। लेकिन फैमिली कोर्ट में याचिका खारिज होने पर पति ने हाईकोर्ट में अपील की। बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका की सुनवाई जस्टिस पी सैम कोशी और जस्टिस पीपी साहू की बेंच ने की। हाईकोर्ट ने पति-पत्नी के बयानों को सुनने के बाद पाया कि दोनों के बीच साल 2010 से ही शारीरिक संबंध नहीं थे।
हाईकोर्ट ने ये फैसला सुनाया? हाईकोर्ट की डबल बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पति या पत्नी एक-दूसरे के साथ सेक्स करने से इनकार नहीं कर सकते हैं। यदि दोनों में से कोई भी ऐसा करता है तो इसे क्रूरता की श्रेणी में माना जाएगा। एक सफल वैवाहिक जीवन के लिए सेक्स भी जरूरी है। पत्नी ने पति को लगातार 10 साल सेक्स से वंचित कर उसके साथ क्रूरता का व्यवहार किया है। इसीलिए लंबे समय तक सेक्स करने से इनकार करना तलाक का आधार बन सकता है।
कानून की नजर में किस आधार पर तय होगी क्रूरता: यदि पति या पत्नी लंबे समय तक शारीरिक संबंध न बनाने का एकतरफा फैसला ले तो इसे क्रूरता माना जाता है। यदि किसी एक ने अकेले यह फैसला लिया कि शादी के बाद बच्चा नहीं चाहिए। दोनों के बीच इतना मानसिक तनाव हो जाए कि वे साथ ही न रह सकें। मैरिड लाइफ में लंबे समय तक एक-दूसरे से नाराजगी या तनाव है तो भी इसे मानसिक क्रूरता की श्रेणी में माना जाएगा। लगातार एक-दूसरे पर आरोप लगाना और इंसल्ट करना भी मानसिक क्रूरता माना जा सकता है। इनके अलावा एक-दूसरे को बताए बिना भी पति या पत्नी का नसबंदी (स्टरलाइजेशन) कराना भी क्रूरता माना जाएगा।
किस आधार पर मांगा जा सकता है एकतरफा तलाक: पति या पत्नी एक-दूसरे को धोखा देकर किसी तीसरे से रिलेशन बनाए तो कोर्ट में सबूत पेश करके तलाक ले सकते हैं। पति या पत्नी में से कोई एक शारीरिक या मानसिक हिंसा का दोषी हो तो तलाक मिल सकता है। शादी होने के बाद यदि पति या पत्नी 2 साल से ज्यादा समय से साथ नहीं रहे हैं, ये भी एकतरफा तलाक का आधार बन सकता है। यदि दोनों में से कोई एक साधु- सन्यासी बन गया है तो दूसरा साथी तलाक के लिए आवेदन कर सकता है। इसके अलावा कोई एक पार्टनर जो 7 साल से गायब है और दूसरे को उसके मरने-जीने के बारे में कुछ नहीं पता है तो भी तलाक लिया जा सकता है। कोई गंभीर शारीरिक बीमारी जैसे- एड्स, चर्म रोग है तो दूसरा पार्टनर तलाक ले सकता है।
क्या जबरदस्ती फिजिकल रिलेशन बनाना उचित है? पति हो या पत्नी दोनों ही शारीरिक संबंध का दवाब एक-दूसरे पर डाल नहीं सकते। चूंकि हमारे देश में पति को सामाजिक रूप से पत्नी पर हक जताने की मान्यता मिली है। इसी के चलते जबरन सेक्स करने की बात को पति अपराध नहीं मानता और पत्नी इसे अपना धर्म समझती है।
क्या पत्नी की इच्छा के बिना पति का सेक्स करना गुनाह नहीं: जब पत्नी से कोई भी पति जानबूझकर उसकी इच्छा के खिलाफ जाकर जोर-जबरदस्ती से फिजिकल रिलेशन बनाता हो तो उसे मैरिटल रेप कहते हैं। ये 3 तरह के होते हैं। 1. पत्नी को जोर-जबरदस्ती से सेक्स करने के लिए मजबूर करना। 2. पत्नी के साथ उसकी इच्छा के बिना सेक्स करने के लिए उसे मारना-पीटना। 3. जबरदस्ती सेक्स करने के साथ-साथ उसका वीडियो बनाना, हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट में करना कानूनी अपराध नहीं है। इसके लिए किसी तरह की सजा या जुर्माने का प्रावधान नहीं है। लेकिन मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने के मामले पर अभी दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस मामले में केंद्र सरकार ने अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कोर्ट से और समय मांगा है।