नई दिल्ली. केंद्र सरकार प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी (crypto currency) पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter session) में 'द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021' (The Cryptocurrency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) लाएगी। इससे सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर बैन लग जाएगा। 23 नवंबर को लोकसभा बुलेटिन में सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गई।
बिल में ये है प्रावधान
इस बिल में कुछ अपवादों को छोड़कर सभी तरह के प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर भारत में प्रतिबन्ध लगाने का प्रस्ताव शामिल है। इसमें कुछ exceptions का भी प्रावधान है जिससे क्रिप्टोकररेंसी से जुडी टेक्नोलॉजी और उसके इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा सके। साथ ही, इस बिल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा जारी होने वाले ऑफिसियल डिजिटल करेंसी के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार करने का भी प्रावधान है।
भारत में डेढ़ करोड़ उपभोक्ता
एक अनुमान के अनुसार भारत में क्रिप्टोकरेंसी के लगभग डेढ़ करोड़ उपभोक्ता हैं और इनकी कुल कीमत छह अरब डॉलर से ज्यादा है। बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिटक्वाइन को युवा पीढ़ी के लिए एक खतरा करार दिया था और कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी का गलत इस्तेमाल न हो यह सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक भागीदारी की जरूरत है।
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संसद में विधेयक पेश करने का फैसला लेने से पहले केंद्र सरकार ने इसे लेकर कई मीटिंग की थी। ये बैठकें देश में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल के लिए जरूरी फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए और इससे संबंधित चुनौतियों का समाधान ढूंढने के लिए आयोजित की गई थीं। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर केंद्र का रुख खास पॉजिटिव नहीं दिखा है।
लगातार बढ़ रही है इनकी वैल्यू
क्रिप्टो को डिजिटल एसेट के तौर पर परिभाषित किया जाएगा या फिर किसी कमोडिटी के तौर पर, यह भी अभी विचाराधीन है। दुनिया भर में सबसे प्रचलित क्रिप्टो बिटक्वाइन और ईथर है। ट्रेडिंग के साथ इनकी लगातार बढ़ती वैल्यू को लेकर भी निवेशकों का ध्यान इसकी ओर गया है।