जयपुर. राजस्थान की पूर्व सीएम और देश के ताकतवर राजनेताओं में से एक वसुंधरा राजे का आज जन्मदिन है। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 69 साल की हो गई हैं। 8 मार्च 1953 को मुंबई में उनका जन्म हुआ था। वसुंधरा 5 बार सांसद तो 2 बार राजस्थान की सीएम रह चुकी हैं, केंद्रीय मंत्री भी रहीं। आज महिला दिवस की इस स्पेशल स्टोरी में हम उनके अब तक के सफर को जानेंगे।
राजघराने से राजनीति का सफर: वसुंधरा राजे को सशक्त राजनेता बनने का मुकाम आसानी से हासिल नहीं हुआ। ग्वालियर राजघराने में जन्मी वसुंधरा राजे का परिवार देश के बड़े कुलीन घरानों में आता है। उनके पिता जीवाजी राव सिंधिया और मां विजया राजे सिंधिया थी। जीवाजीराव ग्वालियर के 9वें महाराजा थे। वसुंधरा राजे की शादी 1972 में राजस्थान के धौलपुर के सातवें महाराजा हेमंत सिंह से हुई थी, लेकिन ये शादी एक साल बाद ही टूट गई। वसुंधरा का एक बेटा दुष्यंत सिंह है। वे भी 4 बार सांसद रह चुके हैं।
राजनैतिक जीवन की शुरुआत: वसुंधरा राजे ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत झालवाड़ से की। उस दौर में उन्होंने झालावाड़ की पैदल यात्रा शुरू की तो लोगों का दर्द करीब से जाना। वसुंधरा 1985 में राजस्थान विधानसभा की सदस्य चुनी गईं। 1998-99 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वसुंधरा केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बनीं। 2003 में जब राजस्थान बीजेपी को ऐसे चेहरे की तलाश थी, जो राज्य में बीजेपी की जड़ को जमा दे। तब केंद्रीय नेतृत्व ने वसुंधरा राजे पर दांव खेला। वसुंधरा ने 2003 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को हराने के लिए परिवर्तन यात्रा की। नतीजा वसुंधरा के पक्ष में गया और 2003 में उन्होंने प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनाई। तब वे पहली बार राजस्थान की मुख्यमंत्री बनीं।
2008 विधानसभा चुनाव में वसुंधरा को हार का सामना करना पड़ा। विपक्ष में रहकर वसुंधरा ने सुराज संकल्प यात्रा निकाली, जिसका जनता ने खूब समर्थन किया। 2013 में 163 सीटों के प्रचंड बहुमत के साथ उन्होंने राजस्थान में फिर बीजेपी की वापसी कराई और दूसरी बार मुख्यमंत्री बनीं।
सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता: जब भी वसुंधरा से उनकी सफलता का राज पूछा जाता है, तब वे कहती हैं कि सफलता कोई शार्टकट नहीं। मेहनत और लगन से समाज की सेवा में लगे रहो। ईश्वर के साथ मां-बाप,गुरुजनों और बुजुर्गों का आशीर्वाद साथ रखो। सफलता कदम चूमेगी।