टनल में फंसे सभी 41 मजूदरों को बाहर निकाला गया, दिवाली से फंसे थे मजदूर, अमेरिकी एक्सपर्ट का दावा फेल

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BP Shrivastava
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टनल में फंसे सभी 41 मजूदरों को बाहर निकाला गया, दिवाली से फंसे थे मजदूर, अमेरिकी एक्सपर्ट का दावा फेल

NEW DELHI. उत्तराखंड की सिल्क्यारा-डंडालगांव टनल में 12 नवंबर (17 दिन) से फंसे सभी 41 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया है। सभी का प्राथमिक उपचार करते हुए अस्पताल पहुंचाया गया। NDRF की टीम ने 2 घंटे के अंदर टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकाला है। इस रेस्क्यू में रैट माइनर्स ने शानदार काम किया। जहां दुनियाभर की हाइटेक मशीनें काम नहीं कर सकीं, वहां रैट माइनर्स ने फौलादी चट्टान भेद दी।

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मजदूरों के प्राथमिक उपचार की पूरी तैयारियां

मजदूरों को बाहर निकालते ही सबसे पहले टनल के पास बेस हॉस्पिटल में प्राथमिक उपचार दिया जाएगा। इसके बाद इन्हें करीब 35 किमी दूर चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा। जहां 41 बेड का स्पेशल अस्पताल बनाया गया है। अगर किसी मजदूर की हालत खराब हुई, तो उन्हें फौरन एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश भेजा जाएगा। 

रैट माइनर्स हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग पूरी कर पाइप से बाहर आए

खुदाई के काम में रैट माइनर्स ने तेजी दिखाई। सिल्क्यारा साइड से हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग में लगे रैट माइनर्स, हादसे के 17वें दिन दोपहर करीब सवा एक बजे खुदाई पूरी कर पाइप से बाहर आ गए। रैट माइनर्स ने 21 घंटे में 12 मीटर की मैन्युअल ड्रिलिंग की। 24 नवंबर को मजदूरों की लोकेशन से महज 12 मीटर पहले ऑगर मशीन टूट गई थी। जिससे रेस्क्यू रोकना पड़ा था।

उत्तरकाशी रेस्क्यू ऑपरेशन-

  • मजदूरों को एयरलिफ्ट करने की तैयारी, चिनूक हेलिकॉप्टर तैनात।
  • जिस पहाड़ की खुदाई में दुनियाभर की हाइटेक मशीनें जवाब दे गईं, वहां रैट माइनर्स ने हाथों से भेद दी चट्टान।
  • दिवाली के दिन यानी 12 नवंबर को टनल धंसने से उसमें काम कर रहे 41 मजूदर फंस गए थे।
National News नेशनल न्यूज टनल में फंसे 41 मजदूर मजदूरों की सेहत पर रोबोट से नजर Silkyara-Dandalgaon Tunnel 41 laborers trapped in the tunnel work to evacuate the laborers begins robot keeps an eye on the health of the laborers सिल्क्यारा-डंडालगांव टनल मजदूरों को निकालने का काम शुरू