नासिर बेलिम रंगरेज़, UJJAIN. भारत के हर कोने में भगवान गणेश के मंदिरों को देखा जा सकता है और उनके प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है बड़े गणेश जी का मंदिर, जो उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर के पास हरसिध्दि रोड पर है। इस मंदिर में भगवान गणेश जी को बड़े गणेश जी के नाम से जाना जाता है।
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बहुत बड़ी मूर्ति की वजह से बड़े गणेश जी नाम
इस मंदिर में विराजित गणेश जी की भव्य और कलापूर्ण मूर्ति प्रतिष्ठित है। ये एक बहुत बड़ी मूर्ति है जिस कारण से इसे बडे़ गणेश जी के नाम से पुकारा जाता है। इस मंदिर की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैली हुई है। गणेश जी की इस भव्य प्रतिमा का निर्माण पंडित नारायण जी व्यास के अथक प्रयासों से हो सका। यहां स्थापित गणेश जी की ये प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची और विशाल गणेश जी की मूर्ति के रूप में विख्यात है।
बड़े गणेश जी की प्रतिमा बनाने में हुए कई प्रयोग
बड़े गणेश जी की इस प्रतिमा के निर्माण में अनेक प्रकार के प्रयोग किए गए थे। जैसे कि ये विशाल गणेश प्रतिमा सीमेंट से नहीं बल्कि ईंट, चूने और बालू रेत से बनी है और इससे भी विचित्र बात ये है कि इस प्रतिमा को बनाने में गुड़ और मेथीदाने का मसाला भी उपयोग में लाया गया था। इसके साथ-साथ ही इसको बनाने में सभी पवित्र तीर्थ स्थलों का जल मिलाया गया था और सात मोक्षपुरियों मथुरा, माया, अयोध्या, कांची, उज्जैन, काशी और द्वारका से लाई गई मिट्टी भी मिलाई गई है जो इसकी महत्ता को दर्शाती है। इस प्रतिमा के निर्माण में ढाई साल का समय लगा जिसके बाद ये मूर्ति अपने विशाल रूप में सबके समक्ष प्रत्यक्ष रूप से विराजमान है।
बड़े गणेश जी मंदिर का महत्व
बड़े गणेश जी का मंदिर भक्तों के लिए एक पावन धाम है जहां पर आकर वे अपनी सभी चिंताओं से मुक्त हो जाते हैं। इस मंदिर में सप्तधातु की पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति भी स्थापित है इसके अतिरिक्त मंदिर परिसर में नवग्रह मंदिर भी बना है। बड़े गणेश जी की प्रतिमा को बहुत दूर से भी देखा जा सकता है। इसकी विशालता से प्रभावित हो लोग देशभर से यहां मूर्ति को देखने के लिए आते हैं। गणेश चतुर्थी के पावन समय में यहां पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। बड़े गणेश जी के दर्शन से सभी की चिंताओं का हरण होता है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।