KOLKATA. देश के सबसे पुराने केस को 72 साल बाद कलकत्ता हाईकोर्ट में निपटा लिया गया। ये केस 1951 में दर्ज हुआ था। दिलचस्प बात ये कि कलकत्ता हाईकोर्ट के मौजूदा चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव का जन्म केस दर्ज होने के पूरे एक दशक बाद यानी 1962 हुआ था। ये मामला बहरामपुर बैंक लिमिटेड के लिक्विडेशन का था। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अभी भी करीब 4 करोड़ केस पेंडिंग हैं।
फिलहाल कलकत्ता हाईकोर्ट को इस बात से राहत मिलेगी कि पूर्ववर्ती बरहामपुर बैंक लिमिटेड को बंद करने की कार्यवाही से संबंधित मुकदमेबाजी आखिरकार खत्म हो गई है। हालांकि अभी पांच ऐसे केस भी हैं, जो 1952 में फाइल हुए थे। इनमे से दो सिविल केस हैं, ये बंगाल के मालदा में पेंडिंग हैं। वहीं एक केस मद्रास हाईकोर्ट में है।
बहरामपुर केस ही सबसे पुराना
नेशनल जूडिशल सिस्टम डेटा ग्रिड में बहरामपुर केस ही सबसे पुराना था। पिछले साल ही जस्टिस रवि कृष्ण कपूर ने डिस्पोजल ऑर्डर दे दिया था, लेकिन अब इसे टाइपोग्राफिकल करेक्शन के बाद डिलीवर किया गया। यह केस 19 नवंबर 1948 को कलकत्ता हाईकोर्ट के बैंक को दिवालिया घोषित करने के बाद इसे बंद करने के आदेश के बाद फाइल किया गया था। 1 जनवरी 1951 को यह मामला कोर्ट में आया था। केस संख्या 71/1951 के तहत इसे दर्ज किया गया था।
बरहामपुर बैंक पर कर्ज लेने वालों से पैसा वापसी को लेकर कई मामले दर्ज थे। कई कर्ज लेने वाले लोग कोर्ट भी पहुंच गए थे। पिछले साल दो बार इस मामले में सुनवाई होनी थी, लेकिन कोई भी पेश नहीं हुआ था। 19 सितंबर को असिस्टेंट लिक्विडेटर ने बेंच से कहा था कि अगस्त 2006 में ही केस बंद हो चुका है। हो सकता है कि रिकॉर्ड में अपडेट ना हुआ हो। सबसे पुराने दो केसों की सुनवाई जस्टिस कपूर ने 23 अगस्त 2022 को की थी। उन्होंने वकीलों और विशेष अधिकारी को सभी पार्टियों से मिलकर केस खत्म करने के लिए राजी करने को कहा था। 1952 के केस के बारे में भी बहुत कम ही डेटा उपलब्ध है।