IMFHAL. मणिपुर में बीते 2 महीने से हिंसा जारी है। रोजाना यहां से स्थानीय लोगों द्वारा सैन्य बलों और अर्धसैनिक बलों के खिलाफ विरोध की खबरें भी आ रही हैं। आलम यह है कि इस वजह से सैन्य बलों द्वारा स्थिति सुधार के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन रोकने पड़ रहे हैं। ऐसे ही एक मामला शनिवार (24 जून) को भी सामने आया है, जहां महिलाओं की बड़ी भीड़ ने सुरक्षाबलों को एक इलाके में घेर लिया था। इस तरह से घेरे जाने के बाद सुरक्षाबलों को अपना तलाशी अभियान रोकना पड़ा। इस विरोध के कारण सुरक्षाबलों को उन 12 उग्रवादियों को भी छोड़ना पड़ा, जिन्हें तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने पकड़ा था।
पकड़ा गया था 6वीं बटालियन पर हमले का मास्टरमाइंड
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, सुरक्षाबलों के खास इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर पूर्वी इंफाल जिले के इटहाम गांव में 24 जून को ऑपरेशन चलाया। इस ऑपरेशन में KYKL के 12 काडरों को हथियार, गोला-बारूद और युद्ध में इस्तेमाल होने वाली कई अन्य चीजें के साथ पकड़ा गया था। इसमें स्वघोषित लेफ्टिनेंट कर्नल मोइरांगथम तांबा उर्फ उत्तम की पहचान की गई। यह वही शख्स है, जो साल 2015 में डोगरा की 6वीं बटालियन पर हमले का मास्टमाइंड था।
महिलाओं की भीड़ ने सुरक्षाबलों को घेरा
आधिकारिक बयान में सामने आया है कि इलाके में सुरक्षाबलों का ऑपरेशन चल ही रहा था कि महिलाओं की अगुवाई में 1200 से 1500 लोगों की भीड़ और स्थानीय नेताओं ने इलाके को घेर लिया और सुरक्षाबलों को अपना ऑपरेशन जारी करने से रोक दिया। सुरक्षाबलों ने बार-बार अपील भी की लेकिन वे नहीं माने। मुद्दे की संवेदनशीलता और खूनखराबे की आशंका देखते हुए, अफसरों ने इन 12 स्थानीय नेताओं को लोगो को सौंप देने का फैसला किया।
सेना ने की शांति स्थापना की अपील
इसके बाद सुरक्षाबलों ने उस इलाके को छोड़ दिया। भारतीय सेना ने मणिपुर के लोगों से अपील की है कि वे कानून व्यवस्था बनाए रखने और शांति स्थापित करने में मदद करें। सेना ने मणिपुर के लोगों से अपील करते हुए कहा है कि, शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए कानून और व्यवस्था बनाए रखने में सुरक्षा बलों की सहायता करें।