NASHIK. महाराष्ट्र में इस समय नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर में प्रवेश को लेकर विवाद चल रहा है। पिछले तीन दिनों से उस जगह पर काफी हंगामा हो रहा है क्योंकि लोगों ने शनिवार (13 मई) रात मंदिर में जबरन प्रवेश करने की कोशिश की थी। इस मामले में एसआईटी गठित करने का निर्णय लिया गया है। इसी दौरान गुरुवार (18 मई) को मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक नई पट्टिका लगाई गई है। इस नए बोर्ड पर लिखा- "No Entrance Except Hindus's" मतलब इस मंदिर में सिर्फ हिन्दुओं को भी प्रवेश करने की अनुमति है। किसी और धर्म के लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं है। मंदिर के पुजारियों ने बुधवार (17 मई ) को मंदिर का शुद्धिकरण किया था।
इसलिए लगाया गया नया बोर्ड?
बताया जाता है कि यह नया बोर्ड इसलिए लगाया गया है क्योंकि पुराना बोर्ड धुंधला (उस पर लिखा हुआ साफ दिखाई नहीं दे रहा था) हो गया है। अब ये बोर्ड मराठी के साथ-साथ अंग्रेजी में भी लगाया गया है। दीवार पर एक पुराना बोर्ड लगा हुआ था। निर्देश मराठी के साथ गुजराती और अंग्रेजी में लिखे गए थे।
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त्र्यंबकेश्वर में आपसी सद्भाव
इस बीच, त्र्यंबकेश्वर में आपसी सद्भाव के साथ धार्मिक माहौल है। यहां एक-दूसरे के काम में हाथ बंटाने की परंपरा रही है। शांति समिति के सदस्यों ने कहा है कि सभी को शांति बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। साथ ही पांच समय का कार्यक्रम होता है, इस कार्यक्रम में शोभायात्रा के मंदिर के सामने आने पर अगरबत्ती जलाई जाती है। समिति ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह कोई नई प्रथा या अंतर नहीं है, हम सभी देवी-देवताओं को मानते हैं।
मूल रूप से जुलूस वाले प्रसाद बेचते हैं। यहां सभी समुदायों और धर्मों के सौहार्दपूर्ण संबंध हैं। समिति ने यह भी कहा कि अगर उन्हें लगता है कि उसकी वजह से कुछ अलग हुआ है तो वे माफी मांगते हैं।
क्या है पूरा मामला
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में शामिल नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर का आज,17 मई को शुद्धिकरण किया गया। मंदिर समिति का आरोप है कि 13 मई की रात मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने त्र्यंबकेश्वर मंदिर में जबरिया घुसकर शिवलिंग पर हरे रंग की चादर चढ़ाने का प्रयास किया था। हालांकि, सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने समय रहते युवकों को मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया। महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) के गठन का आदेश दिया है। इस घटना पर बवाल मचने के बाद हिंदू संगठनों ने मंदिर का शुद्धिकरण कर महाआरती कराने का ऐलान किया था।