islamabad. पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के उप नेता अब्दुल रहमान मक्की ने गुरुवार को लाहौर की कोट लखपत जेल से एक वीडियो जारी किया। इस वीडियो में मक्की ने अल-कायदा या इस्लामिक स्टेट के साथ किसी भी तरह के संबंध होने से इनकार किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने हाल ही में पाकिस्तानी आतंकी और लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया है। अब मक्की ने वीडियो जारी कर कहा है कि उसे ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने से पहले उसका पक्ष नहीं सुना गया। साथ ही कहा कि वह भारत की वजह से इस लिस्ट में शामिल हुआ है।
मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा (JuD) का संस्थापक हाफिज सईद का बहनोई मक्की ने 26/11 के हमले का जिक्र नहीं किया, जिसमें 166 लोग मारे गए थे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अल कायदा प्रतिबंध समिति ने सोमवार को 68 वर्षीय मक्की को नामित आतंकवादियों की सूची में शामिल किया था। भारत और उसके सहयोगियों के सालों की कोशिशों के बाद मक्की को संपत्ति जब्त करने, यात्रा प्रतिबंध और हथियार प्रतिबंध के अधीन लाया गया।
यून की आतंकवादियों की सूची में गलत सूचना के आधार पर डाला गया- मक्की
मक्की ने कहा कि मेरा मानना है कि मुझे आतंकवादियों की सूची में शामिल का आधार भारत सरकार के सिद्धांत के विपरीत और गलत सूचना पर आधारित है। मैं ओसामा बिन लादेन, अयमान अल-जवाहिरी या अब्दुल्ला आजम से कभी नहीं मिला, जैसा कि कुछ प्रोपेगेंडा रिपोर्टों में आरोप लगाया गया है। वह 2019 से जेल में है जहां वो सईद और कुछ अन्य LeT और JuD के वरिष्ठ नेताओं के साथ आतंकी वित्त मामलों में कई सजा काट रहा है।
कश्मीर के संबंध में पाकिस्तानी सरकार के साथ खड़ा हूं- मक्की
मक्की 2019 से जेल में बंद है। जहां वो सईद और कुछ और लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के वरिष्ठ आतंकियों के साथ आतंकियों को वित्तीय सहायता पहुंचाने के कई मामलों में सजा काट रहा है। उसने कहा कि वो अल-कायदा और आईएसआईएस के विचारों और कार्यों को पूरी तरह से विपरीत मानता है, जिसमें वो विश्वास करते हैं। उसने कहा कि मैं इस तरह के समूहों के किए गए सभी प्रकार के आतंकवाद और हिंसा की निंदा करता हूं। मैं कश्मीर के संबंध में पाकिस्तानी सरकार की प्रमुख स्थिति में विश्वास करता हूं।
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मक्की ने यूएनएससी के फैसले पर खेद जताया
मक्की ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों का जवाब देने या उसकी बात सुनने का उचित अवसर दिए बिना उसे आतंकवादियों की सूची में शामिल करने के यूएनएससी के फैसले पर खेद व्यक्त किया। मक्की ने कहा कि इस लिस्टिंग के संबंध में किसी उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और ना ही इस बारे में उसे जानकारी प्रदान की गई। उसने 1980 के दशक में इस्लामिक यूनिवर्सिटी इस्लामाबाद के फैकल्टी सदस्य होने के आरोपों से इनकार किया, जहां उस पर अल-कायदा के नेताओं या अफगान कमांडरों से मिलने का आरोप लगाया गया था।
ISIS के साथ संबंधों से इनकार
मक्की ने कहा कि उसने इस्लामिक विश्वविद्यालय में अध्ययन या अध्यापन नहीं किया था और उसका अब्दुल्ला आजम, अयमान अल जवाहिरी या ओसामा बिन लादेन के साथ कभी कोई संपर्क नहीं था।