New Delhi. यूपी के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की सनसनीखेज हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट में सुना गया। इस हत्याकांड पर अधिवक्ता विशाल तिवारी की ओर से यह याचिका लगाई गई थी। सुनवाई के दौरान शीर्षकोर्ट ने पूछा कि आखिर अतीक और अशरफ को पार्किंग में जीप से उतारकर अस्पताल तक पैदल क्यों लाया जा रहा था, उसे एंबुलेंस के जरिए सीधे अस्पताल क्यों नहीं लाया गया? इस याचिका में मांग की गई है कि अतीक-अशरफ मर्डर केस की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराई जाए।
यूपी सरकार की ओर से पेश हुए थे मुकुल रोहतगी
इस याचिका पर सुनवाई के दौरान उत्तरप्रदेश सरकार की ओर से वकील मुकुल रोहतगी ने पक्ष रखा, सवाल के जवाब में रोहतगी ने कहा कि हमने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है साथ ही हाईकोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में आयोग गठित कर जांच कराई जा रही है। रोहतगी के इस जवाब पर याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि याचिका में 2017 से अब तक हुए सभी एनकाउंटर की जांच की भी मांग की गई है।
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3 सप्ताह में मांगी स्टेटस रिपोर्ट
शीर्ष कोर्ट ने सरकार की ओर से दिए गए इस बयान को रिकॉर्ड पर लिया है और 3 सप्ताह के अंदर अतीक-अशरफ मर्डरकेस की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं, हालांकि उत्तरप्रदेश सरकार को इस मामले में कोई नोटिस जारी नहीं किया गया।
विकास दुबे एनकाउंटर का भी आया जिक्र
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अधिवक्ता विशाल तिवारी ने कहा कि यूपी में इससे पहले 2020 में विकास दुबे नाम के शख्स का एनकाउंटर हुआ था। जिसके जवाब में रोहतगी बोले कि उसकी जांच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बी एस चौहान ने की थी, साथ ही विकास दुबे एनकाउंटर मामले में पुलिस की कोई भी कमी नहीं पाई गई थी।
दनादन 20 राउंड हुए थे फायर
प्रयागराज में बाहुबली की छवि रखने वाला अतीक गैंगस्टर से माफिया और फिर राजनेता बन चुका था। उसकी और उसके भाई अशरफ को 15 अप्रैल 2023 को रात साढ़े 10 बजे गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था। दरअसल अदालत से मिली रिमांड की शर्त के मुताबिक पुलिस उन दोनों को मेडिकल चैकअप के लिए अस्पताल लेकर पहुंची थी। तभी मीडियाकर्मी का भेस धरकर आए 3 युवकों ने उस पर दनादन 20 राउंड फायर किए थे। हत्या करने के बाद आरोपियों ने पुलिस को सरेंडर कर दिया था।