MUMBAI. उद्धव गुट के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत को लॉरेंस बिश्नोई गैंग तरफ से जान से मारने की धमकी मिली है। धमकी के बाद राउत ने पुलिस से शिकायत दर्ज कराई है। धमकी देने वाले ने राउत को मैसेज किया कि तेरा भी मूसेवाला कर दूंगा। मैसेज में राउत को हिंदू विरोधी कहते हुए गालियां भी दी गईं। इस मामले में पुणे पुलिस ने एक संदिग्ध को हिरासत में लिया और मुंबई पुलिस के हवाले कर दिया।
लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर मिली धमकी
गैंग्स्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम से मिली इस धमकी में कहा गया- तू दिल्ली में मिला तो तुझे एके-47 से उड़ा दूंगा, मूसेवाला हो जायेगा...लॉरेंस की तरफ से मैसेज है। सलमान और तू फिक्स.. तैयारी करके रखना..। इस धमकी के बाद राउत ने पुलिस को चिट्ठी लिखकर जानकारी दी। पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
महाराष्ट्र में नई सरकार के आने पर धमकी मिल रही- संजय राउत
संजय राउत ने बताया कि मुझे धमकी भरा संदेश मिला है। इसके बारे में पुलिस को सूचना दे दी है। मैं डरूंगा नहीं। पहले भी मुझ पर हमले की कोशिश की गईं। पुलिस क्या कर रही है? गृह मंत्री क्या कर रहे हैं? महाराष्ट्र में नई सरकार के आने के बाद हमारी सुरक्षा हटाई गई। अब हमें जान से मारने की धमकी मिल रही है।
सलमान को भी मिली थी धमकी
कुछ दिन पहले ही लॉरेंस बिश्नोई गैंग की तरफ से बॉलीवुड स्टार सलमान खान को धमकी मिली थी, केस दर्ज होने के बाद मुंबई पुलिस ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी थी। यही नहीं, पिछले हफ्ते गैंग्स्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के नाम पर लखनऊ की मशहूर ज्वेलरी शॉप खुन खुन जी ज्वेलर्स के मालिक उत्कर्ष अग्रवाल से रंगदारी मांगी गई थी। उनके नंबर पर वॉट्सऐप कॉल आया था और फोन करने वाले ने 30 लाख रुपए मांगे थे।
कौन हैं संजय राउत?
संजय राउत महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा नाम हैं। उद्धव ठाकरे के करीबी नेताओं में शुमार राउत 1980 के दशक में मुंबई में क्राइम रिपोर्टिंग करते थे। लोकप्रभा पत्रिका से करियर की शुरुआत करने वाले राउत को अंडरवर्ल्ड रिपोर्टिंग का एक्सपर्ट माना जाता था। दाऊद इब्राहिम, छोटा राजन और अंडरवर्ल्ड पर लिखी उनकी रिपोर्ट्स की मुंबई में खूब चर्चा हुआ करती थी। रिपोर्टिंग की दुनिया में राउत का नाम बड़ा होता गया और वो बालासाहेब ठाकरे की नजरों में आ गए। राउत का मातोश्री पर आना-जाना बढ़ा और शिवसेना प्रमुख ने तब 29 साल के राउत को शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' का कार्यकारी संपादक बना दिया। इसके बाद वे शिवसेना के प्रवक्ता बने और बाद में राज्यसभा सांसद बने।