Bangalore. चंद्रयान-3 की सफलता ने भारत को नई ऊंचाई दी है। इसी के साथ भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश चुका है। चंद्रयान का रोवर प्रज्ञान अपनी आगे की यात्रा पर निकल चुका है। इस बीच रोवर प्रज्ञान ने चांद का पहला वीडियो भेजा है। इसरो ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग से ठीक पहले का वीडियो एक्स (पहले ट्विटर) पर गुरुवार शाम को जारी कर दिया। वीडियो में चांद का खूबसूरत नजारा दिख रहा है। 2 मिनट 17 सेकंड के वीडियो में चांद की सतह पर शुरुआत में लहरों जैसा नजारा दिखा और कुछ पल में पास पहुंचते ही वहां छोटे-बड़े गड्ढे नजर आने लग गए। दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी ग्रीस की यात्रा पर हैं। वे भारत आने के बाद 26 अगस्त को इसरो वैज्ञानिकों को बधाई देने बेंगलुरु जाएंगे
धीरे-धीरे चांद की ओर बढ़ रहा है यान
इसरो द्वारा जारी किए गए वीडियो में चांद बहुत पास से दिख रहा है। ऐसा लग रहा है, जैसे यह धीरे-धीरे चांद पर उतर रहा है। यह इसलिए क्योंकि धरती की अपेक्षा चांद का गुरुत्वाकर्षण बेहद कम है।
Here is how the Lander Imager Camera captured the moon's image just prior to touchdown. pic.twitter.com/PseUAxAB6G
— ISRO (@isro) August 24, 2023
लैंडर मॉड्यूल पेलोड स्टार्ट
इसरो ने एक्स पर लिखा, ‘चंद्रयान-3 मिशन की सारी गतिविधियां निर्धारित समय पर हैं और सारे सिस्टम शिड्यूल पर हैं और नॉर्मल हैं। लैंडर मॉड्यूल पेलोड ILSA, RAMBHA और CHASTE स्टार्ट हो गए हैं। रोवर गतिशीलता संचालन शुरू हो गया है।
अब आगे : रोवर 12 दिनों में आधा किलोमीटर का सफर तय करेगा
चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद छह पहियों और 26 किलो वाले प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा की सतह पर घूमना शुरू कर दिया। लैंडिंग के करीब 14 घंटे बाद गुरुवार सुबह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रोवर के बाहर आने की पुष्टि की। चांद की सतह पर आते ही रोवर ने सबसे पहले अपने सोलर पैनल खोले। ये एक सेमी/सेकंड की गति से चलता है और अपने आस-पास की चीजों को स्कैन करने के लिए नेविगेशन कैमरों का इस्तेमाल कर रहा है। रोवर 12 दिनों में करीब आधा किलोमीटर का सफर तय करेगा। इसमें दो पेलोड लगे हैं, जो पानी और अन्य कीमती धातुओं की खोज में मदद करेंगे।
रोवर डेटा जमा करेगा और लैंडर को भेजेगा, लैंडर इसरो को भेजेगा
अगले 12 दिनों के दौरान रोवर डेटा जमा करेगा और इसे लैंडर को भेजेगा। लैंडर इस डेटा को पृथ्वी तक पहुंचाएगा। डेटा पहुंचाने में चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर की भी मदद ली जाएगी। चंद्रयान-3 को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था। इसे चांद की सतह पर लैंड करने में 41 दिन लगे।