अनशन के बाद सचिन पायलट ने किया दिल्ली का रुख, विरोध से नाराज हाईकमान, चुनावी साल में नहीं चाहता मनमुटाव

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Rajeev Upadhyay
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अनशन के बाद सचिन पायलट ने किया दिल्ली का रुख, विरोध से नाराज हाईकमान, चुनावी साल में नहीं चाहता मनमुटाव

New Delhi. राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट बागी तेवर अपनाए हुए हैं। उन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ कल अनशन किया था। अब पार्टी हाईकमान इस पसोपेश में पड़ गया है कि पायलट पर सख्त एक्शन लिया जाए या फिर एक बार फिर उन्हें समझा बुझा कर बीच का रास्ता निकाला जाए। कुछ ही महीने बाद सूबे में चुनाव होने हैं लिहाजा हाईकमान भी फूंक-फूंककर कदम रख रहा है। 



चेतावनी के बाद किया था अनशन




दरअसल कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी ने पायल को दो टूक चेतावनी दी थी कि वे पार्टी विरोधी किसी प्रकार की कोई गतिविधि न करें। उधर अपनी प्रेस वार्ता में सचिन पायलट ने सीधे हाईकमान को ही कठघरे में खड़ा कर कह दिया था कि अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे के गठबंधन की शिकायत कई बार हाईकमान को दी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इधर हाईकमान कांग्रेस के आंतरिक मामलों को सार्वजनिक किए जाने के कारण सचिन से खफा हो गया। 




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  • क्या पार्टी छोड़ने का मन बना चुके हैं पायलट




    इस बीच यह कयास लगने शुरू हो चुके हैं कि सचिन पायलट शायद अब कांग्रेस को टाटा कह दें। अपने अनशन में उन्होंने पार्टी का निशान और सोनिया-राहुल की तस्वीर न लगाकर स्पष्ट संदेश पहले ही दे दिया है। दरअसल दो साल पहले जब उन्होंने बगावत की थी तो प्रियंका गांधी ने उन्हें मना लिया था। इस बीच आलाकमान ने भी अशोक गहलोत को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रयास भी किया था, लेकिन उस वक्त क्या हुआ था सभी को मालूम है। सचिन पायलट को हाईकमान के इसी रवैए से दिक्कत है। 



    क्या बीजेपी या आप कर लेंगे ज्वाइन




    सूत्रों की मानें तो कांग्रेस हाईकमान यदि सचिन पायलट पर कोई कार्रवाई करता है तो वे पार्टी बदल सकते हैं। कयास लगने लगे हैं कि वे या तो बीजेपी ज्वाइन कर लेंगे या फिर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लेंगे। कांग्रेस भी यह जानती है कि इस वक्त सचिन पायलट के पार्टी छोड़ने से उसका नुकसान होना तय है। यह बात सचिन पायलट भी समझते हैं इसलिए हाईकमान पर दबाव बनाने ही उन्होंने सोच समझकर यह कदम उठाया है। 



    राजस्थान में हर 5 साल में बदलती रही है सरकार




    दूसरी ओर राजस्थान का सियासी इतिहास यही कहता है कि हर 5 साल बाद यहां की जनता सरकार बदल देती है। ऐसे में सचिन पायलट कांग्रेस छोड़ने वाले अन्य कांग्रेसी नेताओं की तरह अपने भविष्य की चिंता के चलते बड़ा फैसला ले सकते हैं। माना यही जा रहा है कि अगले 24 घंटों में इस मामले में काफी कुछ साफ होने की संभावना है। 


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