चीन हमारे चुनावों को प्रभावित कर सकता है। इसके लिए AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद ली जाएगी। चीन की इस चाल से दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसाफ्ट ने भारत को चेताया है। दरअसल तकनीकी दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ब्लॉग पोस्ट में प्रमुख हैकिंग प्रयासों के बारे में चेतावनी दी है। माइक्रोसाफ्ट ने कहा कि चीन सरकार के समर्थित साइबर ग्रुप इस साल होने वाले लोकसभा चुनावों को निशाना बनाएंगे। इसमें उत्तर कोरिया की भूमिका भी हो सकती है।
चीन को लेकर माइक्रोसॉफ्ट ने चेताया
माइक्रोसॉफ्ट ने बताया कि इस साल दुनिया भर में विशेष रूप से भारत, दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका में होने वाले प्रमुख चुनावों को लेकर हमारा आकलन है कि अपने हित साधने के लिए चीन AI -जनित सामग्री का निर्माण और विस्तार करेगा। हैकर्स के लिए एआई पसंदीदा हथियार बन गया है, जो आसानी से वीडियो को मॉर्फ कर सकते हैं और प्रसिद्ध हस्तियों की आवाज बदल सकते हैं। गलत सूचनाओं को बड़े पैमाने पर सार्वजनिक रूप से साझा कर सकते हैं। हालांकि चीन का कुछ समय से अमेरिका और भारत सरकार के साथ टकराव चल रहा है, जिसमें 2020 से चीन और अमेरिका के बीच व्यापार प्रतिबंध भी शामिल है। माइक्रोसॉफ्ट के खतरा विश्लेषण केंद्र नियमित रूप से अपने निष्कर्ष साझा करता है।
सरकारों को बाधित करने के लिए AI का USE
माइक्रोसॉफ्ट ने कहा है कि इस साल अमेरिका, भारत और दक्षिण कोरिया में होने वाले चुनावों को चीनी और कुछ हद तक उत्तर कोरियाई साइबर हमलावर निशाना बनाने के लिए काम करेंगे। चीन मतदाताओं को सबसे अधिक विभाजित करने वाली बात जानने के लिए फेक सोशल मीडिया अकाउंट का उपयोग कर रहा है। आशंका जताई जा रही है कि यह सब अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे को भी अपने पक्ष में प्रभावित कर सकता है।
ताइवान चुनाव में पहली बार प्रयोग
जनवरी 2024 में ताइवान के राष्ट्रपति चुनावों को अस्थिर करने के लिए एआई सामग्री का भी उपयोग किया गया। यह किसी विदेशी चुनाव को सरकार समर्थित AI-जनरेटेड कंटेट से प्रभावित करने की पहली कोशिश थी। मीम्स, वीडियो और ऑडियो को बढ़ाने में चीन का बढ़ता प्रयोग संभवतः जारी रहेगा।