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महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री बनते ही NCP नेता अजित पवार को 2021 के बेनामी संपत्ति मामले में बड़ी राहत मिली है। जानकारी के अनुसार आयकर विभाग द्वारा जब्त की गई उनकी सभी संपत्तियों को दिल्ली स्थित बेनामी संपत्ति लेनदेन अपीलीय ट्रिब्यूनल कोर्ट ने मुक्त कर दिया। साथ ही कोर्ट ने उनके और उनके परिवार के खिलाफ बेनामी संपत्ति के स्वामित्व के आरोपों को खारिज कर दिया।
ट्रिब्यूनल ने आरोपों को किया खारिज
ट्रिब्यूनल कोर्ट ने पवार और उनके परिवार के खिलाफ लगाए गए बेनामी संपत्ति स्वामित्व के आरोपों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इन दावों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
1,000 करोड़ रुपए की संपत्ति हुई थी जब्त
अक्टूबर 2021 में आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति रोकथाम अधिनियम (PBPP) के तहत पवार परिवार और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इसमें 1,000 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की संपत्तियां जब्त की गई थीं। आपको बता दें कि उस समय अजित, शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी का हिस्सा थे।
कुर्क की गई प्रमुख संपत्तियां
जब्त की गई संपत्तियों में सतारा स्थित जरंदेश्वर शुगर फैक्ट्री, मुंबई और दिल्ली में फ्लैट, गोवा में रिसॉर्ट और महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में 27 जमीनों के टुकड़े शामिल थे। हालांकि, इनमें से कोई भी संपत्ति सीधे अजित पवार के नाम पर नहीं थी।
पवार परिवार का बचाव
पवार परिवार के अधिवक्ता प्रशांत पाटिल ने तर्क दिया कि बेनामी लेनदेन निषेध अधिनियम के तहत उनके मुवक्किल निर्दोष हैं और कोई ठोस सबूत न होने के बावजूद उन्हें मामले में घसीटा गया।
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