हिजाब विवाद में अल-कायदा की एंट्री, मुस्कान के लिए जवाहिरी ने पढ़ी कविता

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हिजाब विवाद में अल-कायदा की एंट्री, मुस्कान के लिए जवाहिरी ने पढ़ी कविता

नई दिल्ली. कर्नाटक के हिजाब विवाद में अब अल-कायदा की एंट्री हो गई है। स्कूल-कॉलेजों में हिजाब बैन के खिलाफ नारे लगाने वाली लड़की मुस्कान की तारीफ में आतंकी संगठन अल कायदा ने वीडियो जारी किया। अल कायदा का सरगना अल-जवाहिरी 9 मिनट के इस वीडियो में मुस्कान की तारीफ में कविता पढ़ता नजर आ रहा है। अल-जवाहिरी ने कहा कि दुनियाभर के मुसलमान उन लड़कियों का खुलकर सपोर्ट करें, जो हिजाब को पहनने के लिए लड़ रही हैं।

यह मामला सामने आने के बाद मुस्कान के पिता ने आतंकी संगठन से अपना कोई भी संबंध होने से साफ इनकार किया है। उन्होंने कहा कि मैं या मेरे परिवार का कोई सदस्य जवाहिरी को नहीं जानता है। इस वीडियो के बाद कर्नाटक के गृहमंत्री ने एक बार फिर हिजाब विवाद के पीछे आतंकी संगठन का हाथ होने की बात कही है।





जवाहिरी ने मुस्कान को लेकर ये कहा ?



जवाहिरी ने अरबी में वीडियो में कहा- मुझे वीडियो और सोशल मीडिया से मुस्कान के बारे में पता चला। इस बहन ने तकबीर की आवाज उठाकर मेरा दिल जीत लिया। मैं उसकी तारीफ में कविता पढ़ रहा हूं।

9 मिनट के इस वीडियो में जवाहिरी ने भारत में रह रहे मुसलमानों का जिक्र किया. जवाहिरी ने कहा- भारत के हिंदू लोकतंत्र में मुसलमानों पर अत्याचार हो रहा है। उसने कर्नाटक हिजाब विवाद के दौरान सुर्खियों में आई मुस्कान को महान गर्ल बताया।





जानिए, कौन है अल कायदा चीफ जवाहिरी?



जवाहिरी ने अमेरिकी हमले में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद अल-कायदा संगठन की कमान अपने हाथ में ली थी। इजिप्ट का रहने वाला जवाहिरी आंखों का डॉक्टर था। 2011 में वह अल कायदा का मुखिया बना। दुनिया भर में कई जगह हुए आतंकी हमलों के पीछे उसका हाथ माना जाता है। 15 साल की उम्र में जवाहिरी को पहली बार गिरफ्तार किया गया था। 1974 में उसने केयरो यूनिवर्सिटी के मेडिकल स्कूल से ग्रेजुएशन किया था। यहां उसके पिता प्रोफेसर थे।





हिजाब विवाद SC में ‌विचाराधीन



कर्नाटक हाईकोर्ट से मामला खारिज होने के बाद हिजाब का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला 24 मार्च को पहुंचा, जिस पर सुनते हुए CJI ने कहा था कि इसे सनसनीखेज मत बनाओ। हम इसकी अर्जेंट सुनवाई नहीं करेंगे।





कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका खारिज



कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्ण एस. दीक्षित और जस्टिस खाजी जयबुन्नेसा मोहियुद्दीन की तीन मेंबर वाली बेंच ने मामले में 15 मार्च को फैसला सुनाया था। फैसले में हाईकोर्ट ने दो अहम बातें कहीं। पहली- हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। दूसरी- स्टूडेंट्स स्कूल या कॉलेज की तयशुदा यूनिफॉर्म पहनने से इनकार नहीं कर सकते।





यह है हिजाब विवाद



कर्नाटक में हिजाब विवाद 1 जनवरी को शुरू हुआ था। यहां उडुपी में 6 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने के कारण कॉलेज में क्लास रूम में बैठने से रोक दिया गया। कॉलेज मैनेजमेंट ने नई यूनिफॉर्म पॉलिसी को इसकी वजह बताया। इसके बाद इन लड़कियों ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। लड़कियों का तर्क था कि हिजाब पहनने की इजाजत न देना संविधान के आर्टिकल 14 और 25 के तहत उनके मौलिक अधिकार का हनन है। इसके बाद से यह मामले ने तूल पकड़ लिया।


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