Ayodhya. अयोध्या के राममंदिर में जनवरी 2024 में श्रीरामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देसी कई नामचीन हस्तियां शामिल होंगी। इसको ध्यान में रखते हुए सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं। अयोध्या के आसपास के सात जिलों से पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट्स, आतंकी और स्लीपर सेल के 15 सदस्यों की गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अयोध्या के चप्पे-चप्पे पर जवान तैनात हैं। 4000 हजार से ज्यादा कैमरे लगाए गए हैं। आसपास के जिलों में भी एटीएस की कार्रवाई जारी है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से लगातार मिल रहे आतंकी
2019 में 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने श्रीराम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद से अगस्त 2020 में बलरामपुर से एक आतंकी, फरवरी-जुलाई और सितंबर 2021 में लखनऊ से चार आतंकी, सितंबर 2021 में ही प्रयागराज, रायबरेली, और बहराइच से तीन आतंकी और अप्रैल, 2022 में गोरखपुर से एक आतंकी को गिरफ्तार किया गया। ये सिलसिला 2023 में यानी अब भी जारी है। नए मामले में यूपी एटीएस ने गोंडा से सद्दाम, मुकीम, रईस, सलमान और अरमान नाम के ISI एजेंट और आतंकी गिरफ्तार किए हैं। गोरखपुर से तारिक नाम के एक व्यिक्त को भी गिरफ्तार किया है।
सभी स्लीपर सेल की तरह ट्रेंड किए गए
यूपी एटीएस को शुरुआती छानबीन में पता चला है कि इन सभी मामलों में आतंकियों को बाबरी मस्जिद के नाम पर भड़काया गया था। सभी स्लीपर सेल की तरह ट्रेंड किए गए थे और मिशन मिलने पर ही सक्रिय होने वाले थे। आतंकियों के लगातार मिलने से एजेंसियों को चिंता है कि क्या अयोध्या और राम मंदिर पर आतंकी खतरा मंडरा रहा है।
वर्षों से जमे हैं आतंकी, मकान लिया और शादी कर रहने लगे
1.एटीएस की गिरफ्त में सद्दाम शेख, आतंकी गुटों से है संबंध
सद्दाम शेख नाम के आरोपी पर आरोप है कि उसका अलकायदा, हिजबुल मुजाहिदीन और अंसार गजवातुल हिंद से कनेक्शन है। यूपी एटीएस ने सद्दाम को दो जुलाई को लखनऊ से गिरफ्तार किया है। इसी दिन उसके साथी रिजवान को जम्मू-कश्मीर से अरेस्ट किया गया। सद्दाम का घर गोंडा से करीब 20 किमी दूर जेल रोड पर पठानपुरवा गांव में है। पठानपुरवा गांव में सद्दाम ने ये घर 2008 में खरीदा था। इसके लिए उसने 75 हजार रुपए भी दिए थे। तब वह गांव में आया ही था और इसके बाद उसने यहीं शादी कर ली। घर के अंदर घुसे, तो सामने एक बड़ा बरामदा है। सद्दाम की पत्नी रूबीना के मुताबिक, सद्दाम के गिरफ्तार होने के बाद से कोई कमाने वाला नहीं है। सद्दाम को आतंकी कहकर पकड़ा था, इसलिए अब कोई हमारी मदद भी नहीं कर रहा है। रिश्तेदार ताने मारते हैं। बच्चों को स्कूल में लोग परेशान करते हैं और सरकारी दुकान से राशन मिलना बंद हो गया है। डीलर कहता है कि मामला सुलझने के बाद ही राशन देंगे।
पत्नी बोली-पहले हिंदू था सद्दाम
रूबीना ने बताया कि सद्दाम पहले हिंदू था। उसका नाम रंजीत सिंह था। बेंगलुरु में एनटीसी कंपनी का ट्रक चलाता था। 14 जून, 2010 को हमारी शादी हुई थी। पहले सब ठीक था, लेकिन जब वो बाहर गया तो मुझसे भी बात करना बंद कर दिया था। सद्दाम पर आतंकी के आरोप पर रूबीना ने कहा, अगर सब कह रहे हैं तो कुछ तो किया ही होगा, ऐसे ही कोई क्यों कहेगा।
रंजीत से कैसे बना सद्दाम
पठानपुरवा से लगभग 20 किमी दूर तरबगंज के गांव बरसड़ी में रहने वालीं कलावती के अनुसार, रंजीत (सद्दाम) का पूरा परिवार मुंबई में रहता है। उसके पिता भगवान सिंह फेरी लगाकर कपड़े बेचते हैं। पिछली बार कुंभ में उनका आना हुआ था। रंजीत को कुछ दिन पहले एटीएस लेकर आई थी, तब हमने उसे पहचाना था। एटीएस ने बताया था कि उसके साथ पढ़ने वाले आसिफ के पिता ने 1999 में उसका धर्मांतरण करा दिया था। इसके बाद उसे सद्दाम शेख नाम मिला था। हमारा तो उससे कोई मतलब नहीं।
2- आईआईएस एजेंट रईस ने पाकिस्तान को भेजी सुचनाएं
एक और आरोपी मोहम्मद रईस ने आईआईएस एजेंट बनकर पाकिस्तानी हैंडलर्स को गोपनीय सूचनाएं भेजी थीं। गोंडा के तरबगंज तहसील के दीनपुरवा गांव के रहने वाला मोहम्मद रईस मुंबई में पुताई और मजदूरी का काम करता है। दीनपुरवा गांव में पेट्रोल पंप के बगल में उसका घर है। रईस के पिता हुसैन के अनुसार, बेटा तो जेल चला गया, लेकिन उसे आतंकी बताने के बाद से कोई दुकान पर भी नहीं आता। 6-7 साल पहले मुंबई कमाने गया था। 5-6 हजार भेज देता था अब वो भी बंद हो गए हैं। परिवार से बातचीत में जानकारी मिली कि पाकिस्तान में नूरजहां (रईस की मां) की ननद रहती है, जिससे रईस बात किया करता था। हालांकि, परिवार या रईस कभी पाकिस्तान नहीं गए।
3- ISI एजेंट मुकीम पाकिस्तानी हैंडलर्स को भेज रहा था सूचनाएं
रईस के घर के पास ही एक और आरोपी मुकीम रहता था। मुकीम पर ISI एजेंट होने का आरोप है। उसने पाकिस्तानी हैंडलर्स को गुप्त सूचनाएं भेजी थीं। मामले में मुकीम की मां सईदा ने बताया कि मुकीम को रईस ने फंसा दिया है। सईदा के पति नहीं है। चार बेटे हैं, जो मुंबई में काम करते हैं। मुकीम भी मुंबई में चूड़ी बेचने का काम करता है।
बाबरी मस्जिद के नाम पर आईएसआई ने बनाया एजेंट, ऐसे आए पकड़ में
गोंडा से पकड़े गए आतंकियों की छानबीन के बाद हमने यूपी एटीएस के एक बड़े अफसर ने नाम को गोपनीय रखते हुए बताया कि सद्दाम आतंकी है और बाकी तीनों ISI के एजेंट हैं। इन सभी को बाबरी मस्जिद की शहादत के नाम पर भड़काया गया था। इन लोगों का मिशन बाबरी मस्जिद गिराने का बदला लेना था। अफसर ने बताया कि हम इस तरह के लोगों और एक्टिविटीज को ट्रैक करते रहते हैं। सबसे पहले सद्दाम को ट्रैक किया। सद्दाम लगातार सोशल मीडिया पर जेहादी कंटेट पोस्ट करता था। एटीएस ने सद्दाम की छानबीन की तो पाकिस्तान से उसके लिंक मिले। उसे गिरफ्तार कर पूछताछ की गई तो उसने सच कुबूल कर लिया। सद्दाम की निशानदेही पर ही गोंडा के बाकी लोगों को भी ट्रैक किया गया। सबसे पहले रईस पकड़ में आया। उसने बताया कि मुंबई में काम के दौरान उसकी मुलाकात अरमान से हुई। अरमान ने ही उसे बाबरी मस्जिद के नाम पर और भारत में मुस्लिमों पर जुल्म के नाम पर भड़काना शुरू कर दिया।
ऐसे बना आईएसआई एजेंसी : तुम्हें बाबरी मस्जिद का बदला लेने का मौका मिलेगा, दुबई में नौकरी दिलवा देंगे
जानकारी अनुसार, पूछताछ में सामने आया कि रईस दुबई में नौकरी करना चाहता था। आतंकी अरमान ने उसे कहा कि पाकिस्तान के एक आदमी से तुम्हें मिलवा देता हूं, तुम काम के निकले तो तुम्हें बाबरी मस्जिद का बदला लेने का मौका मिलेगा और मोटे पैसे के साथ दुबई में नौकरी भी दिलवा देंगे। 2022 में रईस को पाकिस्तानी नंबर से वॉट्सऐप कॉल आई। दूसरी तरफ से हुसैन बात कर रहा था। इसके बाद दोनों की बातचीत होने लगी। हुसैन ने रईस से कहा कि वो पाकिस्तानी जासूस है। उसने रईस से सैन्य प्रतिष्ठानों की तस्वीर मंगवाई और पैसे देने का वादा किया। रईस पाकिस्तानी जासूस हुसैन के लिए काम करता रहा और फिर उसने अपने दोस्त सलमान को भी जोड़ लिया।
सैन्य प्रतिष्ठानों के फोटो भेजने के बदले मिले पैसे
यूपी एटीएस के मुताबिक, रईस ने ही सलमान के बारे में बताया था। रईस के इनपुट के आधार पर मुंबई से 18 जुलाई को सलमान और अरमान को गिरफ्तार कर लिया गया। रईस और सलमान को सैन्य प्रतिष्ठानों के फोटो भेजने के बदले में पैसे भी मिले। रईस ने अपने हिस्से के 15 हजार रुपए सलमान को देकर अपने खाते में डालने के लिए कहा। इसके बाद सलमान ने ऑनलाइन 15 हजार रुपए रईस को भेज दिए। मई में रईस ने अपनी शादी में ये रुपए खर्च किए थे।
स्लीपर सेल : अयोध्या के पास किसी आतंकी साजिश की तरफ इशारा
अरमान, रईस और सलमान से पूछताछ के बाद ही मुकीम का नाम सामने आया। इसके बाद एटीएस ने 1 अगस्त को उसे गिरफ्तार कर लिया। मुकीम भी रुपए की लालच में आईएसआई के लिए काम कर रहा था। ये सभी स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे थे। इन सभी का अयोध्या के पास होना भी किसी आतंकी साजिश की तरफ इशारा कर रहा है।
2019 के बाद से लगातार आईएसआई एजेंट मिल रहे
यूपी एटीएस के अधिकारी के अनुसार, अयोध्या पर 2005 में भी हमला हुआ था। तब तीन आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया था। इस दौरान चार लोगों को गिरफ्तार किया था। जांच में भी सामने आया था कि ये आतंकी नेपाल के रास्ते अयोध्या के पड़ोसी जिले अंबेडकरनगर पहुंचे थे और वहीं रहकर अयोध्या की रेकी करते थे। अधिकारी ने बताया कि बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद से अयोध्या में उप्र के बाकी जिलों के मुकाबले सुरक्षा व्यवस्था सख्त है। आतंकी संगठनों के निशाने पर भले ही अयोध्या हो, वे आसपास के जिलों गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, बाराबंकी, गोरखपुर और अंबेडकरनगर में घुसपैठ कर रहे हैं। आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल यहां रह रहे हैं। 2019 के बाद से यहां लगातार आईएसआई एजेंट मिल रहे हैं।
प्राण प्रतिष्ठा : अभेद्य सुरक्षा, मंदिर आसपास के हर व्यक्ति का होगा वेरिफिकेशन
जनवरी 2024 में राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारी तेज हो गई है। राम जन्मभूमि स्थाई सुरक्षा समिति श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की संयुक्त बैठक में परिसर की सुरक्षा का कमान सीआईएसफ के हवाले है। मंदिर परिसर में सीसीटीवी कैमरा, चेकिंग प्वाइंट सहित सुरक्षा के नए मानकों को पूरा किया जा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि परिसर में प्राण-प्रतिष्ठा आयोजन को लेकर निर्माण कार्य में लगे वर्करों के भी पुलिस वेरिफिकेशन हो रहा है। राम जन्मभूमि परिसर के आसपास रहने वाली लोगों के भी पुलिस वेरीफिकेशन और उनकी डिटेल निकाली जा रही है।
अयोध्या को सेफ रखेगा 'ऑपरेशन दृष्टि' का सुरक्षा कवच, 4000 हजार सीसीटीवी कैमरे रखेंगे नजर
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 24 जनवरी 2024 के लिए प्रस्तावित है। अनुमान है कि उस समय अयोध्या में लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भीड़ पहुंचेगी। उनकी सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को लेकर हाई टेक सुरक्षा प्लान तैयार किया जा रहा है। भीड़ की सुरक्षा के मद्देनजर धार्मिक नगरी के लिए 'आपरेशन दृष्टि ' नाम से हाई टेक सुरक्षा कवच तैयार किया जा रहा है, जिसे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले लागू कर दिया जाएगा। अयोध्या के चौराहों से लेकर गलियों और महत्वपूर्ण स्थलों पर फिलहाल 4000 सीसीटीवी कैमरे सरकारी और पीपीपी मॉडल के तहत लगेंगे।
ड्रोन कैमरे से हवाई सर्वे
एरियल सर्वे के लिए ड्रोन कैमरों की मदद ली लाएगी । प्रशासन के पास तीन ड्रोन कैमरे की व्यवस्था है। इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। जरूरत पड़ने आवश्यकता के मुताबिक और ड्रोन कैमरे किराए पर मंगा लिए जाएंगे।