द्वारकाधीश मंदिर पर क्यों फहराए गए 2 झंडे, क्या है बिपरजॉय चक्रवात से इनका कनेक्शन?

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Rahul Garhwal
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द्वारकाधीश मंदिर पर क्यों फहराए गए 2 झंडे, क्या है बिपरजॉय चक्रवात से इनका कनेक्शन?

GANDHINAGAR. चक्रवाती तूफान बिपरजॉय विकराल रूप लेता जा रहा है। यही वजह है कि देश के 6 राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। खास तौर पर गुजरात इस तूफान की जद में सबसे ज्यादा बताया जा रहा है। हालांकि महाराष्ट्र और गोवा के तटीय इलाकों में भी बड़ी खतरा मंडरा रहा है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस तूफान की हर हलचल पर नजर बनाए हुए हैं। एनडीआरएफ की टीमें, नौसेना के पोत और हेलिकॉप्टर तैनात किए गए हैं। इस बीच गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर से बड़ी खबर सामने आई है। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के खतरे के बीच द्वारकाधीश मंदिर में एक साथ 2 ध्वज फहराए गए हैं। लोग इसे किसी अनहोनी से बचाव के तौर पर देख रहे हैं। लोगों की आस्था है कि द्वारकाधीश भगवान इस खतरे से लोगों की रक्षा करेंगे।





पुजारी ने बताई वजह





पुजारी ने बताया कि मंदिर के शिखर पर 2 ध्वज इसलिए फहराए गए हैं क्योंकि ध्वज स्तंभ पर ध्वजारोहण नहीं हो पा रहा है। इसका कारण तूफान ही है। ऐसे में पुरानी ध्वजा जी को नीचे जबकि नई ध्वजा जी को ऊपर की ओर फहराया गया है। पुरोहित की मानें तो ये पहली बार नहीं हो रहा है। ऐसा पहले भी हो चुका है जब इस तरह की कोई दिक्कत आती है तो मंदिर में 2 ध्वज फहराए जाते हैं।





24 घंटे फहराया जाता है 52 गज का ध्वज





द्वारकाधीश मंदिर में शिखर चोटी 50 मीटर ऊंची है। यहां पर 52 गज का ध्वज 24 घंटे फहराया जाता है। एक दिन में यहां पर 2 बार ध्वज बदले जाते हैं। इतना नहीं किसी को मंदिर में ध्वज फहराना हो तो उन्हें 12 महीने से ज्यादा वक्त भी लग सकता है क्योंकि यहां पर ध्वज फहराने वाले भक्तों की तादात बहुत ज्यादा है।





द्वारका से इतनी दूर है चक्रवाती तूफान





मिली जानकारी के मुताबिक द्वारका से चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की दूरी महज 280 किलोमीटर बची है यानी आने वाले 24 घंटे के आसपास ये तूफान द्वारका पहुंच सकता है।





गुजरात की ओर बढ़ रहा तूफान, मुंबई-भुज-राजकोट में 5 की मौत





अरब सागर में उठा तूफान बिपरजॉय गुजरात की ओर बढ़ रहा है। ये तूफान 15 जून की दोपहर को कच्छ जिले के जखौ पोर्ट से टकराने वाला है। इस दौरान 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। उससे पहले अच्छी बात ये है कि तूफान कुछ कमजोर हुआ है। हालांकि ये अब भी खतरनाक ही है। तूफान के चलते गुजरात और मुंबई के तटीय इलाकों में आंधी-बारिश का दौर जारी है, जिसमें 5 लोगों की मौत की खबर है। गुजरात के तटीय जिलों- कच्छ, पोरबंदर, द्वारका, जामनगर, जूनागढ़ और मोरबी के तूफान प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।





अभी तक 7500 लोगों को किया शिफ्ट





अभी तक 7500 लोगों को शिफ्ट किया जा चुका है। कच्छ-सौराष्ट्र में समुद्र तट से 10 किलोमीटर की सीमा में गांवों के 23 हजार लोगों को आज से शिफ्ट किया जाएगा। उधर, अमित शाह ने मंगलवार को दिल्ली में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्रियों के साथ बैठक की।





गुजरात के द्वारका से 290 किलोमीटर दूर है तूफान





मौसम विभाग के मंगलवार सुबह 9 बजे के अपडेट के मुताबिक, तूफान 8 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से नॉर्थ-वेस्ट में आगे बढ़ रहा है। तूफान मंगलवार सुबह 5:30 बजे पोरबंदर से 300 किलोमीटर, द्वारका से 290 किलोमीटर, जखौ पोर्ट से 340 किलोमीटर, नालिया से 350 किलोमीटर दूर था। मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवात के 14 जून की सुबह तक उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है।





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14 जून के लिए ऑरेंज और 15 के लिए रेड अलर्ट जारी





आईएमडी के मुताबिक, 14-15 जून के दौरान कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी जिले के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। तूफान के चलते 15 जून को कच्छ, द्वारका, जामनगर में 20 सेंटीमीटर तक बारिश होने की संभावना है। इसके चलते निचले इलाकों में बाढ़ आने का अनुमान है। मछुआरों को 16 जून तक समुद्र में नहीं जाने को कहा गया है। गुजरात में 14 जून के लिए ऑरेंज अलर्ट और 15 जून के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। कच्छ-सौराष्ट्र में समुद्र तट से 10 किलोमीटर की सीमा में गांवों के लगभग 23 हजार लोगों को शेल्टर होम में पहुंचाने के लिए मंगलवार से बड़ा अभियान चलाया जा रहा है।



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