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Srinagar. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अपने पाले आतंकी संगठनों के साथ मिलकर जम्मू कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र तीर्थयात्रा को निशाना बनाने का षड्यंत्र रचा है। सूत्रों ने बताया कि आईएसआई ने कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स, कश्मीर टाइगर्स फोर्स, पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ), कश्मीर रिवल्यूशनरी आर्मी, जांबाज फोर्स, गजनवी फोर्स जैसे छद्म आतंकी संगठनों का कैडर सक्रिय किया गया है। यह सभी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, अल-बदर, तहरीके जेहादी इस्लामी व इन जैसे पुराने संगठनों का ही हिस्सा हैं।
मकसद- कश्मीर में आतंक को फिर जिंदा कर हालात बिगाड़ना
सीमा पार बैठे आतंकी संगठन कश्मीर में अपने कैडर को बचाने और सुरक्षाबल को भ्रम में डालने के लिए नए छद्म संगठन भी खड़ा कर सकते हैं। इसके पीछे उसका मकसद कश्मीर में आतंक को फिर जिंदा कर हालात बिगाड़ना है। उसके इन मंसूबों को दफन करने के लिए सुरक्षाबल ने व्यापक तैयारी की है। बता दें, 1990 से अब तक तीर्थयात्रियों पर 30 छोटे-बड़े हमले हो चुके हैं। इनमें 80 श्रद्धालु और सुरक्षाकर्मी मारे गए। दक्षिण कश्मीर के अलावा गांदरबल-श्रीनगर मार्ग आतंकी हमले के मद्देनजर अत्यंत संवेदनशील माना जा रहा है।
शिविरों समेत बालटाल और पहलगाम से आगे यात्रा मार्ग पर कड़ी सुरक्षा
जम्मू कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय कुमार के अनुसार, अमरनाथ यात्रा को पूरी तरह सुरक्षित, शांत और विश्वासपूर्ण वातावरण में कराने के लिए प्रभावी रणनीति लागू की गई है। पहले के सभी आतंकी हमलों का आकलन किया गया है और मौजूदा परिदृश्य में आतंकी क्या हरकत कर सकते हैं, इसके आधार पर हमने पूरी सुरक्षा तैयारी की है। यात्रा शिविरों समेत बालटाल व पहलगाम से आगे यात्रा मार्ग पर कोई अवांछित तत्व न जाए, इसके लिए भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
ट्रायल रन हुआ, जम्मू से 30 जून को रवाना होगा अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था
अमरनाथ यात्रा शुरू होने से दो दिन पूर्व बुधवार (28 जून) को सुरक्षा और अन्य प्रबंधों को जांचने के लिए ट्रायल रन के तौर पर जम्मू के भगवती नगर स्थित यात्री निवास से वाहनों का काफिला बनिहाल तक गया। इस काफिले में 33 वाहन और सुरक्षाबलों के नौ एस्कार्ट वाहन शामिल थे। जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर काफिले के गुजरने के दौरान चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त रहे। विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा बलों की क्विक रिएक्शन टीमें (क्यूआरटी) बख्तरबंद वाहनों के साथ तैनात रहीं। ट्रायल रन के दौरान कोई रुकावट नहीं आई और यह सफलतापूर्ण संपन्न हुआ। अमरनाथ यात्रा बालटाल (गांदरबल) और पहलगाम के नुनवन (अनंतनाग) आधार शिविर से एक जुलाई को शुरू होगी। यात्रा का पहला काफिला जम्मू के यात्री निवास से 30 जून को कश्मीर के लिए रवाना होगा।
सख्ती- अमरनाथ यात्रा में तंबाकू और सिगरेट पर प्रतिबंध
अमरेश्वर धाम की तीर्थयात्रा के दौरान धूम्रपान निषेध होगा। यात्रा मार्ग पर सिगरेट बीड़ी की बिक्री पर रोक रहेगी। पकड़े जाने पर कार्रवाई होगी। स्वास्थ्य सेवा निदेशालय कश्मीर ने एक सर्कुलर जारी कर तीर्थयात्रा को तंबाकू मुक्त घोषित कर दिया है।
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पवित्र गुफा के पास रात को नहीं रूक सकेंगे श्रद्धालु
अमरनाथ पवित्र गुफा के पास इस बार रात को किसी भी श्रद्धालु को ठहरने की अनुमति नहीं होगी। पिछले साल गुफा के पास बादल फटने से आई बाढ़ को देखते हुए एहतियातन यह कदम उठाया गया है। इसके आलावा यात्रा मार्ग पर भूस्खलन और पत्थर गिरने की दृष्टि से संवेदनशील करीब ढाई किलोमीटर के हिस्से में गुजरने पर यात्रियों के लिए हेल्मेट पहनना अनिवार्य किया गया है। हेल्मेट अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की ओर से निश्शुल्क उपलब्ध करवाएगा।
34 माउंटेन रेस्क्यू टीमें तैनात
यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की मदद के लिए 34 माउंटेन रेस्क्यू टीमें भी तैनात की गई हैं। इसके अलावा कठुआ से पवित्र गुफा तक विभिन्न शिविरों में एक साथ 70 हजार श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था है। वहीं अमरनाथ यात्रा के लिए बुधवार (28 जून) तक 3.04 लाख श्रद्धालु पंजीकरण करवा चुके हैं, जो बीते साल की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा है। यह जानकारी बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मनदीप कुमार भंडारी ने बुधवार देर रात यात्रा प्रबंधों की समीक्षा के बाद दी।