Bishnupur. मणिपुर में एक बार फिर हिंसा का दौर शुरु हो गया है। बीती रात बिष्णुपुर जिले में मैतेई समुदाय के 3 लोगों की हत्या कर दी गई। उपद्रवियों ने कई घरों को भी आग के हवाले कर दिया। बताया जा रहा है कि उपद्रवी बफर जोन पार करके मैतेई इलाके में आए थे और उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग की। बता दें कि बिष्णुपुर जिले के क्वाक्टा से 2 किमी की दूरी तक केंद्रीय बलों ने बफर जोन बनाया है।
एक दिन पहले भी हुई थी फायरिंग
बता दें कि इससे एक दिन पहले गुरुवार को भी बिष्णुपुर में कई जगहों पर फायरिंग की घटना हुई थी, जिसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गए थे। अनियंत्रित भीड़ की सुरक्षा बलों के साथ झड़प भी हो गई थी। मणिपुर पुलिस की ओर से बताया गया था कि सुरक्षा बलों ने उपद्रवियों के 7 अवैध बंकरों को नष्ट कर दिया था। लेकिन जानकारी के मुताबिक अनियंत्रित भीड़ ने बिष्णुपुर में दूसरी आईआरबी यूनिट की चौकियों पर हमला बोलते हुए गोला बारूद और हथियार लूट लिए थे। जबकि पुलिस का कहना है कि भीड़ ने मणिपुर राइफल्स की दूसरी और 7 टीयू बटालियन से हथियार और गोला बारूद छीनने का प्रयास किया था लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें खदेड़ दिया था।
फायरिंग और टियर गैस का प्रयोग
गुरुवार की शाम सशस्त्र बलों और उपद्रवियों के बीच जमकर गोलीबारी भी हुई थी। इस घटना में दोनों तरफ से कई लोग घायल हुए। हालात को काबू करने सुरक्षा बलों ने हवाई फायरिंग के साथ आंसू गैस के गोले छोड़े। इस दौरान भीड़ हथियार और गोला बारूद लूटने में कामयाब रही थी। दूसरी तरफ मणिपुर के इंफाल और पश्चिमी इंफाल जिलों में कर्फ्यू में दी गई ढील को वापस ले लिया गया है।
3 मई से जारी है हिंसा
बता दें कि मणिपुर में 3 मई को सबसे पहले जातीय हिंसा शुरु हुई थी, मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल किए जाने की मांग का विरोध कर रहे कुकी समुदाय के लोगों ने आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किया था। जिसके बाद जातीय झड़पें शुरु हो गई थीं। अब तक मणिपुर हिंसा में 160 से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।