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NEW DELHI. बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर पर दिए गृह मंत्री अमित शाह के बयान के हंगामा मचा हुआ है। डॉ. अंबेडकर को लेकर बयान के अमित शाह विवादों में हैं। शाह के बयान के बाद कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने उनकी आलोचना की, वहीं अमित शाह ने खुद पर लगे आरोपों का खंडन किया और कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि मैं सपने में भी डॉ. अंबेडकर का अपमान नहीं कर सकता। आगे कहा कि कांग्रेस तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है, और यह उनकी पार्टी की नीति का हिस्सा है।
शाह ने कांग्रेस पर लगाया यह आरोप
डॉ. भीमराव अंबेडकर पर दिए बयान के मचे हंगामे के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। अमित शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पर उनके बयान को गलत तरीके से पेश कर रही है। कहा, "कांग्रेस तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है, जिसका मैं घोर निंदा करता हूं। मैं हमेशा अंबेडकर के रास्ते पर चला हूं, और उनका अपमान कभी नहीं कर सकता। कांग्रेस ने हमेशा अंबेडकर और संविधान का विरोध किया है।" शाह ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने वीर सावरकर का भी अपमान किया और आपातकाल के दौरान संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन किया।
विपक्ष पर कानूनी कार्रवाई पर बोले शाह
अमित शाह से यह भी पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी विपक्ष के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी, तो उन्होंने कहा, "बीजेपी सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करेगी। संसद के अंदर और बाहर जो भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, उस पर विचार किया जाएगा।"
इस्तीफे की मांग पर अमित शाह का बयान
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से इस्तीफे की मांग पर अमित शाह ने कहा, "अगर इससे उन्हें खुशी होती तो मैं इस्तीफा दे देता, लेकिन इससे उनकी समस्याएं खत्म नहीं होंगी, क्योंकि उन्हें अगले 15 साल तक उसी स्थान (विपक्ष में) बैठना होगा।"
कांग्रेस ने हमेशा किया बाबा साहब का अपमान
अमित शाह ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब अंबेडकर की मृत्यु के बाद उनका मजाक उड़ाने की कोशिश की। उन्होंने यह उल्लेख किया कि बाबा साहेब को 1990 में भारत रत्न मिला, जब कांग्रेस सत्ता में नहीं थी और भारतीय जनता पार्टी समर्थित सरकार थी। शाह ने यह भी कहा कि जवाहरलाल नेहरू ने 1955 में खुद को भारत रत्न दिया और इंदिरा गांधी ने 1971 में खुद को यह सम्मान दिया, लेकिन अंबेडकर को यह सम्मान जब कांग्रेस सत्ता में नहीं थी, तब दिया गया।
डॉ. अंबेडकर पर अमित शाह का बयान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान पर एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा, "आजकल अंबेडकर का नाम लेना फैशन हो गया है। अब ये फैशन हो गया है, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर... अगर इतना नाम भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।" शाह का यह बयान तुरंत ही विवादों में घिर गया और विपक्षी दलों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
कांग्रेस और विपक्षी दलों ने की आलोचना
अमित शाह के बयान के बाद कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने उनकी निंदा की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शाह से इस्तीफे की मांग की और कहा कि उनका यह बयान संविधान के खिलाफ है। राहुल गांधी ने भी शाह के बयान पर आपत्ति जताई और कहा कि बीजेपी का पूरा काम अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को खत्म करने का है। उन्होंने यह भी कहा कि शाह और उनकी पार्टी अंबेडकर का अपमान करती रही है।
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