Itanagar. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर हैं। अपने 2 दिवसीय दौरे पर पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह ने यहां किबिथू इलाके में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की शुरूआत की है। दावा किया जा रहा है कि इस कार्यक्रम सीमांत क्षेत्र में बसे गांवों के निवासियों की जीवन गुणवत्ता में सुधार आएगा। इसके अलावा इलाके से पलायन रोकने और सीमा सुरक्षा को मजबूत करने में भी यह कार्यक्रम प्रभावी होगा। अरुणाचल प्रदेश का किबिथू गांव चायना से सटा हुआ है। इस योजना पर 4800 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। इस लिहाज से गृहमंत्री अमित शाह का यह दौरान अरुणाचल के लिए काफी अहम माना जा रहा है। दरअसल हाल ही में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के नाम बदलने की जुर्रत की थी।
शाह के दौरे से बौखलाया चीन
अमित शाह के दौरे से ड्रैगन बौखला उठा है। उसका कहना है कि इंडिया के होम मिनिस्टर के अरुणाचल प्रदेश के दौरे से उसकी क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन हुआ है। चीन ने अमित शाह के अरुणाचल दौरे की आलोचना भी की है। चायनीज फॉरेन मिनिस्ट्री के एक प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि चीन भारत के गृहमंत्री के अरुणाचल दौरे का विरोध कर रहा है और क्षेत्र में उनकी गतिविधियों को बीजिंग भी क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन मानता है।
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चीन के दावे वाले इलाके में ठोंकी ताल
दरअसल अमित शाह आज अरुणाचल के उसी क्षेत्र में पहुंचे जिस पर चीन अपना दावा करता आया है। यहां उन्होंने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की शुरूआत के दौरान कहा कि भारत की जमीन हथियाने का जमाना अब चला गया है। उन्होंने बगैर चीन का नाम लिए कहा कि कोई सुई की नोंक जितनी जमीन भी नहीं ले सकता। अमित शाह यह भी बोले कि अरुणाचल में कोई नमस्ते नहीं बोलता, सभी जयहिंद बोलकर एकदूसरे का अभिवादन करते हैं। यह देख कर ही दिल देशभक्ति से भर जाता है। शाह बोले कि अरुणाचलवासियों की इसी देशभक्ति के चलते 1962 में चीन को यहां से वापस जाना पड़ा था।
यह है वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत सीमावर्ती गांवों को सड़क के जरिए जोड़ा जाना है। वीवीपी एक केंद्र प्रायोजित योजना है। जिसके तहत व्यापक विकास के लिए अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 ब्लॉक में 2967 गांवों की पहचान की गई है। पहले चरण में इनमें से 662 गांवों को विकास से जोड़ा जाएगा।