नई दिल्ली. सरदार वल्लभ भाई पटेल के बाद अब भाजपा नेताजी सुभाषचंद्र बोस को कांग्रेस से छिन रही है। मोदी सरकार ने गणतंत्र दिवस से पहले घोषणा करते हुए कहा कि 24 जनवरी से शुरू होने वाली गणतंत्र दिवस की परेड अब हर साल 23 जनवरी से होगी क्योंकि 23 जनवरी को नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जन्मदिन होता है। वहीं, दूसरी तरफ ममता बनर्जी ने इस बार 26 जनवरी की झांकी में नेता जी को शामिल किया था जिसे केन्द्र ने खारिज कर दिया है। जिसके बाद से सियासत तेज हो गई है। अब इस मामले में नेताजी की बेटी ने तीखी टिप्पणी की है।
गणतंत्र दिवस परेड में नेताजी सुभाष चंद्र बोस और उनकी आजाद हिंद फौज पर आधारित पश्चिम बंगाल की झांकी को अनुमति न दिए जाने के विवाद के बीच नेताजी की बेटी अनीता बोस फाफ ने आरोप लगाया कि नेताजी की विरासत का राजनीतिक कारणों से आंशिक तौर पर दुरुपयोग किया गया है। बता दें कि इस झांकी को अनुमति न देने के मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक लेटर लिखा था।
जर्मनी में रहने वाली अनीता बोस फाफ ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि क्यों झांकी को शामिल नहीं किया गया। इसके पीछे कुछ कारण हो सकते हैं। हम यह कल्पना नहीं कर सकते कि उस साल जब मेरे पिता 125 वर्ष के हो गए होते, उनकी झांकी शामिल नहीं की जा रही है, यह बहुत अजीब है।' उन्होंने कहा, पिछले साल जयंती वर्ष की शुरुआत कोलकाता के सभी स्थानों पर कहीं बड़े तरीके से की गई थी।
इसका राज्य में चुनाव से कुछ लेना-देना जरूर था। यह तथ्य कि इस साल नेताजी के लिए ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है, निश्चित तौर पर बताता है कि ये मुद्दा इस साल उतना महत्वपूर्ण नहीं है। अनीता बोस ने कहा कि राजनीति लोगों से मिलने और उनसे संपर्क करने के बारे में हैं। इसलिए अगर इस तरह का कार्यक्रम बड़ी संख्या में लोगों को छूता तो वह इसे करते। उधर, ममता बनर्जी ने केंद्र से इस फैसले पर फिर विचार करने की अपील करते हुए कहा है कि इससे बंगाल के लोगों को दुख होगा।