पुनीत पांडेय, NEW DELHI. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन एस सोमनाथ ने जानकारी दी है कि जुलाई में चंद्रयान-3 को लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने यह जानकारी सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से नेविगेशन सैटेलाइट NSV-01 के सफलतापूर्वक लॉन्च के बाद दी।
चंद्रयान-2 की असफलता पर मीडिया पर एस सोमनाथ ने कहा कि असफलता सामान्य बात है। यह कोई जरूरी नहीं कि हम हर बार सफल हो जाएं। जरूरी है कि हम असफलता से सीख लें और आगे बढ़ें। सोमनाथ ने कहा कि जब कोई काम किया जाता है तो सफलता या असफलता मिलती रहती है। जब भी किसी मिशन के बारे में हमें सुझाव दिए जाते हैं तो हम उस पर खरा उतरने की कोशिश करते हैं, लेकिन हर बार सुझाव सफलता तक नहीं ले जा सकते हैं। इसका यह मतलब कतई नहीं होता कि हम प्रयोग करना बंद कर दें।
चंद्रयान-3 के लॉन्च की घोषणा
चंद्रयान-3 के लॉन्च की घोषणा, चंद्रयान-2 के लैंडर-रोवर की दुर्घटना के चार साल बाद हुई है। चंद्रयान-2 को चंद्रमा के उस हिस्से पर उतारने की कोशिश की गई थी जो पृथ्वी की तरफ कभी नहीं दिखता। इसे डार्क साइड ऑफ मून कहा जाता है। मिशन के बारे में इसरो के अधिकारियों ने कहा है कि यह अंतिम चरण में है। सैटेलाइट के पे लोड यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में इकट्ठे किए जा रहे हैं। वैज्ञानिकों की टीम भारत के सबसे भारी रॉकेट लॉन्च व्हीकल मार्क -थ्री के माध्यम से लॉन्चिंग की तैयारी कर रही है।
चंद्रयान-2 को अंतिम समय में मिली थी असफलता
चार साल पहले भारत ने अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चंद्रयान- 2 को लॉन्च किया था। इसके रोवर को चंद्रमा की सतह पर लैंड करना था। लेकिन अंतिम पलों में यह रोवर चंद्रमा में क्रैश हो गया था। इसरो के वैज्ञानिकों ने इसे 99 प्रतिशत सफल अभियान बताया था। इस असफलता को पीछे छोड़ते हुए देश के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान -3 को तैयार किया है।
तीन देश अब तक चंद्रामा पर लैंड कर चुके हैं रोवर
चंद्रमा पर अब तक तीन देश अपने रोवर लैंड कर चुके हैं। इनमें रूस, अमेरिका और चीन शामिल हैं। जहां सोवियत रूस ने अपने कॉस्मोनॉट को अंतरिक्ष में भेजा था, वहीं अमेरिका के एस्ट्रोनॉट चंद्रमा पर उतर चुके हैं। इसके अलावा चीन ने चंद्रमा पर पौधा उगाकर नया रिकॉर्ड बना दिया था। चंद्रमा की सतह पर उतरने वाले देशों की रेस में भारत, जापान और ग्रीस शामिल हैं।