भारत की कोशिशों को झटका, एंटीगुआ कोर्ट ने भगोड़े कारोबारी चौकसी के पक्ष में सुनाया फैसला, कहा- देश से बाहर नहीं भेजा जा सकता

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Atul Tiwari
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भारत की कोशिशों को झटका, एंटीगुआ कोर्ट ने भगोड़े कारोबारी चौकसी के पक्ष में सुनाया फैसला, कहा- देश से बाहर नहीं भेजा जा सकता

NEW DELHI. भगोड़े कारोबारी मेहुल चौकसी को भारत लाने की कोशिशों को झटका लगा है। एंटीगुआ और बारबुडा हाईकोर्ट ने आदेश में कहा कि चौकसी को देश से बाहर नहीं भेजा जा सकता। हीरा कारोबारी चौकसी 13 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी मामले में भारत में वॉन्टेड है। कोर्ट में चौकसी की तरफ से तर्क दिया गया कि उसके खिलाफ केसों की जांच का जिम्मा एंटीगुआ के अटॉर्नी जनरल और पुलिस प्रमुख के जिम्मे है। साथ ही आशंका जताई कि अगर वह भारत भेजा जाता है तो उसे अमानवीय व्यवहार या क्रूर सजा का सामना करना पड़ सकता है। अदालत ने चौकसी को बिना कोर्ट के आदेश के देश से बाहर ले जाने पर रोक लगा दी। 



साथ ही चौकसी की तरफ से अदालत में मांग की गई कि 23 मई 2021 को उसके अपहरण मामले में जांच होनी चाहिए। मामले में अदालत ने कहा कि डोमिनिकन पुलिस ने घटना की पुष्टि करे कि चोकसी की किडनैपिंग की गई और उसकी इच्छा के खिलाफ डोमिनिका ले जाया गया।



क्या है चौकसी का मामला?



मेहुल चोकसी (63) पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 13 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के सिलसिले में भारत में वॉन्टेड है। सीबीआई के मुताबिक, मेहुल चौकसी और अन्य के खिलाफ 15 फरवरी 2018 को पंजाब नेशनल बैंक से धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया था। 2022 में सीबीआई ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को धोखा देने के लिए चौकसी और अन्य के खिलाफ 5 और आपराधिक मामले दर्ज किए। 



सीबीआई कह चुकी है कि एजेंसी आपराधिक न्याय की प्रक्रिया का सामना करने के लिए भगोड़ों और अपराधियों को भारत वापस लाने के लिए कमिटेड है। वांछित अपराधियों और आर्थिक अपराधियों की भू-पहचान और वापसी के लिए विदेशी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सुनियोजित कदम उठाए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, बीते 15 महीनों में 30 से वॉन्टेड क्रिमिनल्स को भारत लाया गया है।



अब तक तीन भगोड़े कारोबारियों की 19 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति कुर्क हुई



केंद्र सरकार ने बताया था कि भगोड़े कारोबारी विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के साथ सरकार सख्ती से निपट रही है। मार्च 2022 में सरकार की तरफ संसद में बताया गया कि इन तीनों कारोबारियों की 19,111.20 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है। इन तीनों अपनी कंपनी के जरिए सरकारी बैंकों के साथ हेराफेरी की, जिसके चलते बैंकों को 22,585.83 करोड़ रु.का नुकसान हुआ। इन 19,111.20 करोड़ में से 15,113.91 करोड़ की संपत्ति को सरकारी बैंकों को दे दी गई। इसके अलावा 335.06 करोड़ की संपत्ति भारत सरकार ने जब्त कर ली।



इन्हें देश लाना सरकार के लिए चुनौती



नीरव मोदी



पंजाब नेशनल बैंक से दो अरब डॉलर का कर्ज लेकर फरार हीरा कारोबारी नीरव मोदी पर धोखाधड़ी का आरोप है। नीरव लंदन में पुलिस की हिरासत में है। अगस्त 2018 से ही भारत सरकार उसके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है।



विजय माल्या



बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या भी ब्रिटेन में शरण लिए हुए है। बैंकों से 9000 करोड़ रुपए का कर्ज लेकर फरार माल्या ने मार्च 2016 से लंदन में शरण ले रखी है। अब तक माल्या के प्रत्यर्पण का रास्ता भी साफ नहीं हो सका है।



ललित मोदी



पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी भी 2010 से लंदन में रह रहा है। मोदी पर आईपीएल के 2009 सीजन में वित्तीय गड़बड़ियों का आरोप है। ललित मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी है, इसके बावजूद मामले की जांच कर रही एजेंसियों और सरकार के लिए उसे ब्रिटेन से वापस लाना बड़ी चुनौती होगी।


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