पाक जेल में बंद पिता को वापस लाने बेटे ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से की याचना, 1965 की जंग में हो गए थे लापता

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BP Shrivastava
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पाक जेल में बंद पिता को वापस लाने बेटे ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से की याचना, 1965 की जंग में हो गए थे लापता

NEWDELHI. करीब छह दशक से पाक की जेल में बंद एक भारतीय जवान के बेटे ने अपने पिता को वापस भारत लाने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है। ओडिशा के आनंद पात्री 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पाक पहुंच गए थे। बाद में पाकिस्तान ने उन्हें जेल में डाल दिया। 



2007 में छोड़ने वाला था पाक



भारतीय सैनिक आनंद के बेटे ​बिद्याधर पात्री ने एक समाचार एजेंसी को बताया कि पाक अफसर 2007 में उनके पिता को छोड़ने वाले थे। इसके पीछे पाकिस्तान ने शर्त रख दी थी कि उन्हें एक नागरिक के रूप में छोड़ा जाएगा। जिसे भारतीय अफसरों ने मानने से इनकार कर दिया था। उसके बाद से मामला लटका हुआ है।



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आनंद का परिवार ओडिशा में रहता है



आनंद का परिवार ओडिशा के भद्रक जिले के धामनगर ब्लॉक में रहता है। बताया जा रहा है​ कि आनंद के बेटे बिद्याधर की उम्र ही अभी 65 साल हो चुकी है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि आनंद की उम्र करीब 88 साल हो गई है। बेटे ने बताया कि एक प्रकाशन के जरिए उन्हें पाक की जेल में अपने पिता के बंद होने के बारे में पता चला है। आनंद पात्री कोलकाता से भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। पात्री ने 1962 के भारत-चीन युद्ध में भी हिस्सा लिया था।



आनंद की उम्र 88 साल होगी



अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यकर्ता उत्तर राय ने बताया कि आनंद पात्री को भारतीय सेना में कोलकाता से भर्ती किया गया था। उन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध में भी भाग लिया। इसके बाद अनांद ने 1965 में भारत-पाक युद्ध में लड़ाई लड़ी थी। वे 1965 से लापता हैं। वे लगभग 58 सालों से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। फिलहाल, उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर अनांद अभी जिंदा हैं तो 88 साल के होंगे।  राय का कहना है कि इस मामले में ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से भी मुलाकात की गई थी। फिलहाल भारत और ओडिशा सरकार को उनकी वापसी सुनिश्चित करनी चाहिए और उनके परिवार को आर्थिक मदद भी देनी चाहिए। अगर उनकी मृत्यु हो गई है, तो पाक अधिकारियों को हमें उनका मृत्यु प्रमाण पत्र देना चाहिए।



बेटे ने मांगा पिता का प्रमाण पत्र



बिद्याधर को आशंका है कि उनके पिता शायद ही जिंदा हों। उन्होंने पाक अफसरों से पिता के हालात का प्रमाण पत्र की मांग की हैं। उन्होंने कहा, यदि पिता की मृत्यु हो गई है, तो उनके पिता को शहीद का दर्जा दिया जाए। विद्याधर ने अपनी मांगों के साथ राष्ट्रपति कार्यालय को पत्र सौंपा है।

 


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