New Delhi. इंडियन आर्मी चायना बॉर्डर पर एलएसी पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है। गर्मियों की शुरुआत के साथ ही सेना ने गलवान और लद्दाख के महत्वपूर्ण प्वाइंट्स पर पेट्रोलिंग बढ़ा दी है। सेना के जवान घोड़ों की मदद से भी गश्त पर निकलते हैं। समाचार एजेंसी के हवाले से आई जानकारी के मुताबिक लद्दाख में तैनात आर्मी के जवान सामान ढोने के लिए खच्चरों को भी इन दुर्गम इलाकों में ले जा रहे हैं।
ड्रेगन सैन्य अभ्यास के बहाने की थी तैनाती
बता दें कि साल 2020 में चीन ने उत्तरी लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य अभ्यास के बहाने अपने जवानों की तैनाती की थी। इसके बाद चीन की ओर से इन इलाकों में घुसपैठ की गई थी। जवाब में इंडियन आर्मी ने भी यहां बड़ी संख्या में जवानों को तैनात किया है।
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चीन की लगातार हो रही घुसपैठ की कोशिशों के चलते जून 2020 में गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ भारतीय जवानों की झड़प हुई थी। जिसमें एक कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। इस घटना के कई महीनों बाद चीन ने यह माना था कि इस झड़प में उसके भी 5 जवान मारे गए थे। तबसे इस इलाके में भारतीय सेना बड़ी संख्या में तैनात है और लगातार चौकसी करती चली आ रही है।
समाचार एजेंसी के जरिए आर्मी के जवानों की कुछ तस्वीरें भी पब्लिक डोमेन में आई हैं, जिसमें सेना के जवान गलवान में खाली समय में क्रिकेट और हॉकी का लुफ्त उठा रहे हैं। हालांकि इंडियन आर्मी ने इन इलाकों के नाम उजागर नहीं किए हैं। लेकिन दावा किया जा रहा है कि ये वही इलाके हैं जहां 15-16 जून की रात साल 2020 में जवानों की चीनी सैनिकों के साथ झड़प हुई थी।
बता दें कि 2020 में गलवान में दोनों देशों की सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद से ही भारत और चीन की सेनाएं यहां अलर्ट पर हैं। बताया जाता है कि समुद्र तट से बेहद ऊंचाई वाले इन इलाकों में तैनात सैन्य दस्ते सर्दियों में अनेक गेम्स आयोजित करती हैं। ताकि सैनिकों की फिटनेस बरकरार रखने के लिए पर्याप्त वर्जिश हो सके।