JAMMU. जम्मू-कश्मीर के पुंछ में तोता गली इलाके में भट्टा डूरियन जंगल के पास 20 अप्रैल, गुरुवार को एक आर्मी ट्रक में आग लग गई। हादसे में 5 जवानों की मौत हो गई है। जबकि एक जवान गंभीर रूप से घायल है, जिसका इलाज सेना अस्पताल में चल रहा है। जहां हादसा हुआ, वो इलाका पुंछ से 90 किलोमीटर दूर है। सेना के ट्रक में आग लगने की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और आग काबू करने में मदद की। आतंकी संगठन जैश समर्थित PAFF यानी पीपल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
Casualties feared as an Indian Army truck catches fire in Poonch district of Jammu & Kashmir
Details awaited. pic.twitter.com/QgVwYQIZQ4
— ANI (@ANI) April 20, 2023
अज्ञात आतंकवादियों ने गोलीबारी की
दरअसल, सेना की तरफ से बताया गया है कि दोपहर तीन बजे राजौरी सेक्टर में भीमबेर गली और पुंछ के बीच हाइवे से गुजर रहे सेना के एक वाहन पर अज्ञात आतंकवादियों ने गोलीबारी की। माना जा रहा है कि आतंकवादियों ने ग्रेनेड का भी इस्तेमाल किया, जिससे वाहन में आग लग गई। भारी बारिश और कम दृश्यता का फायदा उठाते हुए ये आतंकी हमला हुआ।
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आतंकियों की तलाश जारी
आतंकियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया गया है। जानकारी के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने आतंकवादी हमले में पांच सैनिकों की मौत के बारे में जानकारी दी। भारतीय सेना के जवान जमीन पर स्थिति पर नजर रख रहे हैं और उचित कार्रवाई कर रहे हैं।
वाहन के फ्यूल टैंक में आग लगी
बताया जा रहा है कि आतंकियों ने ग्रेनेड हमले के बाद तीन तरफ से फायरिंग की। माना जा रहा है कि हमले के पीछे चार आतंकी शामिल हैं। हमले के बाद वाहन के फ्यूल टैंक में आग लगी और देखते ही देखते पूरा वाहन आग की चपेट में आ गया। सूत्रों का कहना है कि जब ये हमला हुआ, जवान गाड़ी में सब्जी और अन्य सामान लेकर जा रहे थे। इसे जम्मू-कश्मीर में जी-20 सम्मेलन से पहले एक सुनियोजित हमला बताया जा रहा है।
क्या है PAFF?
बता दें कि पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट यानी PAFF पाकिस्तान बेस्ड आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद समर्थित आतंकी संगठन है। कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद से ही PAFF का नाम सामने आने लगा था। ये आतंकी संगठन अंसार गजवत-उल-हिंद के मारे गए कमांडर जाकिर मूसा से प्रेरित है, जो वैश्विक आतंकी संगठन अल कायदा के लिए भी वफादार माना जाता है।
11 जनवरी को तीन जवान हुए थे शहीद
11 जनवरी को जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में सेना का अफसर और 2 जवान शहीद हो गए थे। ये तीनों भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स के सैनिक थे। इनमें एक जेसीओ (जूनियर कमीशंड ऑफिसर) और 2 ओआर (अन्य रैंक) का एक दल रेगुलर ऑपरेशन के लिए निकला था। बर्फ के कारण उनकी गाड़ी फिसलकर गहरी खाई में गिर गई थी।
2022 दिसंबर में 16 जवानों हुए थे शहीद
2022 दिसंबर में सिक्किम के जेमा में आर्मी का ट्रक खाई में गिर गया था, इसमें 16 जवान शहीद हो गए थे। आर्मी के दो वैन और थे। तीनों वाहन चटन से थंगू के लिए निकले थे। रास्ते में ट्रक एक मोड़ पर फिसलकर खाई में जा गिरा था। इस हादसे में 4 जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिन्हें बाद में एयरलिफ्ट किया गया था।
2022 नवंबर में माछिल में हुआ था हादसा
2022 नवंबर में भी कुपवाड़ा के माछिल इलाके में 3 जवान हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। 2 जवानों को बर्फ के नीचे से सुरक्षित निकाला गया था। जब हादसा हुआ तब 56 राष्ट्रीय रायफल्स के ये पांचों जवान रूटीन गश्त कर रहे थे। हादसे की जानकारी मिलते ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, लेकिन जब तक जवानों को निकाला गया तब तक 3 की मौत हो गई थी।