पीएफ खाताधारक हो जाएं अलर्ट! 11 कर्मचारियों के ईपीएफओ खाते में सेंध लगाकर निकाले 1.83 करोड़ रुपए, सीबीआई ने दबोचा 

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पीएफ खाताधारक हो जाएं अलर्ट! 11 कर्मचारियों के ईपीएफओ खाते में सेंध लगाकर निकाले 1.83 करोड़ रुपए, सीबीआई ने दबोचा 

New Delhi. ईपीएफओ में जमा कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई में एक 'नटवरलाल' ने ऐसे सेंध लगाई कि सीबीआई भी हैरत में पड़ गई। उसने कई शहरों में कंपनियां बनाकर कर्मचारी रखे और उनके नाम, दस्तावेजों का इस्तेमाल कर फर्जी तरीके से 11 कर्मचारियों के ईपीएफओ खाते से 1.83 करोड़ निकाल लिए। ईपीएफओ की शिकायत के बाद सीबीआई ने ठग को गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई को आशंका है कि आरोपी देशव्यापी नेटवर्क का हिस्सा है, जो ईपीएफओ खाते में फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपए निकालने का काम करता है। 



EPFO की शिकायत पर CBI ने प्रियांशु के आठ ठिकानों पर मारे थे छापे 



सीबीआई के अनुसार, इस ठग का नाम है प्रियांशु कुमार, जिसने 2021 में 11 कर्मचारियों के ईपीएफओ खाते से 1.83 करोड़ निकाल लिए थे। ईपीएफओ की शिकायत पर इसी साल फरवरी में एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई ने प्रियांशु कुमार के बिहार, झारखंड और दिल्ली स्थित आठ ठिकानों की तलाशी ली, जिसमें कई दस्तावेजी सुबूत, मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, चेकबुक और पासबुक बरामद किए। 



ऐसे लगाता था खाते में सेंध



ईपीएफओ खाते में सेंध लगाने के लिए प्रियांशु ने बहुत शातिराना तरीका खोज निकाला था। इसके लिए वह नागपुर, औरंगाबाद, पटना, रांची में कंपनी खोलता था। फिर कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों के पीएफ कवरेज के लिए आनलाइन आवेदन करता था। बिना फिजिकल वेरिफिकेशन वह कर्मचारियों के पीएफ के लिए जरूरी अनुमति हासिल कर लेता था। इसके बाद वह ऐसे कर्मचारियों की तलाश करता था, जो किसी अन्य कंपनी में काम करते थे। ऐसे कर्मचारियों को वह सिर्फ एक दिन के लिए अपनी कंपनी में काम दिखाता था। इससे उसे ईपीएफओ से जुड़े कर्मचारियों के यूएएन नंबर में दर्ज केवाईसी को बदलने का एक्सेस मिल जाता था। 



कर्मचारी के मिलते जुलते नाम और जन्मतिथि की तलाश 



एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसके बाद वह अपनी कंपनी में दिखाए गए कर्मचारी के मिलते जुलते नाम और जन्मतिथि वाले किसी अन्य कर्मचारी को ढूंढकर उसे निशाना बनाता था। उसके शिकार हुए कर्मचारियों ने अपने ईपीएफओ खाते से जुड़े बैंक अकाउंट और आधार नंबर को वेरीफाई नहीं कराया था। इसका फायदा उठाकर उनके ईपीएफओ खाते में संशोधन कर दूसरा बैंक अकाउंट नंबर और आधार नंबर डाल देता था। 



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पैसे निकालने के लिए आनलाइन आवेदन



सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कर्मचारी के ईपीएफओ खाते में सेंध लगाने के बाद वह विभिन्न काम के लिए पैसे निकालने के लिए आनलाइन आवेदन करता था। ईपीएफओ आवेदन के आधार पर पैसे उससे जुड़े खाते में ट्रांसफर कर देता था। इसके बाद वह अलग-अलग शहरों में एटीएम से पैसा निकाल लेता था। 



ऐसे पकड़ में आया मामला



चंडीगढ़ में एक कर्मचारी के खाते से उसने पांच बार में लाखों रुपए निकाल लिए। छठी बार आवेदन आने पर चंडीगढ़ की ईपीएफओ शाखा ने फिजिकल वेरीफिकेशन का फैसला किया। उक्त कर्मचारी ने ऐसा कोई भी आवेदन करने से इनकार कर दिया। उसने बताया कि उसके खाते से जुड़ा बैंक अकाउंट और आधार नंबर भी उसका नहीं है। इसके बाद बड़े फ्राड की आशंका को देखते हुए ईपीएफओ ने पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी।


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