दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जल्द अपने पद से इस्तीफा देंगे। हर कोई जानना चाहता है कि आखिर क्यों केजरीवाल ने जेल से रिहाई और जमानत मिलने के बाद सीएम पद छोड़ने का फैसला किया, जबकि वह लंबे समय तक जेल में रहने के बावजूद विपक्ष के लगातार दबाव में भी इस्तीफा नहीं दे रहे थे। इस खबर में हम आपको बताएंगे पूरा सियासी गणित...
दरअसल, अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के फैसले के पीछे सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए कुछ महत्वपूर्ण प्रतिबंधों का भी बड़ा हाथ माना जा रहा है। कोर्ट ने उनकी जमानत तो मंजूर कर ली, लेकिन कुछ ऐसी शर्तें रखीं, जिनसे बतौर मुख्यमंत्री केजरीवाल के अधिकार सीमित हो गए। इन शर्तों की वजह से उनके लिए सीएम पद पर रहते हुए काम करना मुश्किल हो गया था।
13 सितंबर को मिली थी जमानत
केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से 13 सितंबर को उस वक्त राहत मिली, जब कथित शराब घोटाले में उन्हें सीबीआई केस में जमानत दी गई। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी थी। हालांकि, कोर्ट ने उनके ऊपर कई सख्त शर्तें लगाई थीं, जो उनकी राजनीतिक गतिविधियों पर प्रभाव डालने वाली थीं।
कोर्ट की शर्तें
- अरविंद केजरीवाल न तो मुख्यमंत्री कार्यालय जा सकेंगे और न ही सचिवालय।
- कोई भी सरकारी फाइल तब तक साइन नहीं करेंगे जब तक यह अति आवश्यक न हो।
- अपने ट्रायल से जुड़े किसी भी मामले पर सार्वजनिक रूप से बयान नहीं देंगे।
- किसी भी गवाह से बातचीत करने की अनुमति नहीं होगी।
- इस केस से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक उनकी पहुंच नहीं होगी।
- जब जरूरत होगी, तो ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे।
केजरीवाल का बयान
रविवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए केजरीवाल ने घोषणा की कि वह अगले दो दिन में सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि वह तभी दोबारा इस कुर्सी पर बैठेंगे, जब जनता उनकी ईमानदारी पर मुहर लगाकर उन्हें फिर से चुनेगी। केजरीवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि मनीष सिसोदिया भी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। दोनों नेता अब दिल्ली की गलियों में जाकर प्रचार करेंगे।
जल्द चुनाव कराने की मांग
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग की और कहा कि महाराष्ट्र के साथ ही नवंबर में दिल्ली में भी चुनाव कराए जाएं। हालांकि, अभी इस बात पर चर्चा हो रही है कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। केजरीवाल ने कहा कि इसका फैसला पार्टी के विधायक दल की बैठक में किया जाएगा।
नए मुख्यमंत्री के लिए संभावित नाम
सूत्रों के अनुसार, आम आदमी पार्टी जल्द ही नए मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला कर सकती है। संभावित उम्मीदवारों में कई दिग्गज नेता शामिल हैं, जिनमें आतिशी, कैलाश गहलोत, गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज और सुनीता केजरीवाल के नाम सामने आ रहे हैं। पार्टी दो-तीन दिन के भीतर नए सीएम का ऐलान कर सकती है, जो आगामी चुनाव तक पद संभालेंगे।
केजरीवाल की अगली रणनीति
इस्तीफे के बाद केजरीवाल का फोकस अब दिल्ली से बाहर हरियाणा और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में होने वाले चुनावों पर रहेगा। 5 अक्टूबर को हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग है, जहां AAP ने सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। केजरीवाल का पूरा ध्यान अब हरियाणा के चुनाव प्रचार पर होगा, जहां कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं हो सका है। इसके साथ ही, जम्मू-कश्मीर में भी आगामी चुनावों में केजरीवाल की सक्रिय भागीदारी की उम्मीद की जा रही है।
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