Varanasi. उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में शुक्रवार को शुरू हुआ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) शनिवार को भी जारी रहा। सर्वेक्षण सुबह 9 बजे शुरू हुआ। हिंदू पक्ष के साथ मुस्लिम पक्ष के वकील भी सर्वे के दौरान उपस्थित रहे। सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट की हरी झंडी मिलने के साथ ही ज्ञानवापी में ASI का सर्वे जारी है। वाराणसी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। बता दें कि आज ASI रेडिएशन तकनीक से जांच कर रही है।
पुलिस समेत सुरक्षा ऐजेंसियां कर रही गश्त, ट्रू पैरा कमांडो के हवाले गेट नंबर 4
सरकार ज्ञानवापी को लेकर खास सतर्कता बरत रही है। ज्ञानवापी, काशी विश्वनाथ, गोदौलिया चौराहा, बुलानाला, मैदागिन सहित शहर के कई संवेदनशील इलाकों में पुलिस, आरएएफ, पीएसी, एलआईयू समेत अन्य सुरक्षा ऐजेंसियां अलर्ट पर है। काशी विश्वनाथ धाम के गेट नंबर 4 की सुरक्षा ट्रू पैरा कमांडो के हवाले की गई है। मंदिर परिसर के 1 किलो मीटर के दायरे में भी कमांडो गश्त कर रहे हैं।
मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा- ASI सर्वेक्षण से हैं संतुष्ट
ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज अहमद ने अपनी प्रतिक्रिया जारी की है। वकील अहमद ने कहा कि हम एएसआई सर्वेक्षण से संतुष्ट हैं। आज हम सर्वे में भाग ले रहे हैं और एएसआई टीम की सहायता भी कर रहे हैं।
सर्वे में एएसआई की 4 टीमें
एएसआई ने सर्वे के लिए चार टीमें बनाई हैं। शुक्रवार (4 अगस्त) को दो टीमों ने परिसर की पश्चिमी दीवार की जांच की थी। एक टीम को पूर्वी दीवार, दूसरी को उत्तरी दीवार और उससे जुड़े क्षेत्रों में जांच के लिए लगाया गया है। टीम ने इन दीवारों के साथ ही इमारत की बाहरी दीवारों के आसपास जीपीआर का उपयोग किया। वे बाहरी क्षेत्र में भी तहखाने हैं या ठोस जमीन होने की जांच कर रहे हैं। 33 सदस्यीय टीम का नेतृत्व एएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक एडीजी आलोक त्रिपाठी ने किया है। टीम में नापजोख विशेषज्ञ व जीपीआर हैंडलर अधिक हैं।
क्यों महत्वपूर्ण है पश्चिमी दीवार?
ज्ञानवापी परिसर की पश्चिमी दीवार और इस पर मिली आकृतियां किसी दृष्टि से वर्तमान इमारत की बनावट से मेल नहीं खाती हैं। दीवार हिंदू मंदिरों में मिलने वाली कलाकृतियों की भरमार है। यहां हाथी के सूंड नुमा आकृति का चिह्न भी मिला है। इस पर बनी नक्काशी, स्वास्तिक, कलशफूल, कमल के फूल की आकृतियां भी मौजूद हैं। मंदिर पक्ष ने बताया था कि पश्चिमी दीवार मां शृंगार गौरी के मंदिर का प्रवेश द्वार है।
पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी
एएसआई टीम सर्वे के लिए ज्ञानवापी परिसर में खनन के औजार नहीं ले गई। टीम का सबसे ज्यादा ध्यान पश्चिमी दीवार पर रहा। दो टीमों ने दीवार पर मौजूद हर आकृति की बनावट आदि की जानकारी दर्ज की है। पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी भी कराई गई है। जितनी दीवार नजर आई, उस पर बनीं कलाकृतियों को जांचा गया है। दीवार पर बने दरवाजे को पत्थरों से बंद कर दिया गया है। दरवाजा दीवार की बनावट से मेल खाता है या नहीं, यह भी जांचा गया है।
पहले दिन ये मिले साक्ष्य
पूर्वी दीवार पर बंद दरवाजे को भी देखा गया है। इमारत की बनावट से इसका मेल करने का प्रयास गया था। वुजूखाना के आसपास जितनी भी कलाकृतियां नजर आईं, एएसआई ने उन्हें रिकार्ड में दर्ज किया है। उत्तरी दीवार की बनावट व कलाकृतियों पर भी नजर रही हैं और उनकी बनावट, आकार को जांचा और परखा जा रहा है।