झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा हाई है। असम के मुख्यमंत्री और झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के सह-प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि कहा कि झारखंड के शहरों, जिलों के नाम राम, कृष्ण, नीलांबर-पीतांबर और अन्य के नाम पर होने चाहिए। अगर आप किसी ऐसे शहर का नाम रख रहे हैं, जो उस शहर की संस्कृति से जुड़ा नहीं है, तो उसका (शहर का) नाम बदल दिया जाना चाहिए। कोलकाता का भी नाम बदला गया. यहां का नाम भी बदला जाना चाहिए।
हिमंता के बयान पर EC पहुंचा इंडिया ब्लॉक
हिमंता के बयान के बाद इंडिया ब्लॉक के एक प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रवि कुमार से रांची में मुलाकात की। अपनी शिकायत दर्ज कराई। इसमें हिमंता बिस्वा सरमा के खिलाफ उनके कथित भड़काऊ और विभाजनकारी भाषणों के लिए कार्रवाई की मांग की गई।
शिकायत के बाद क्या बोले हिमंता ?
इसके बाद हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि मेरे खिलाफ शिकायत क्यों हुई? मैं क्या कह रहा हूं? जब मैं घुसपैठियों के खिलाफ बोल रहा हूं तो इन्हे तकलीफ क्यों हो रही है? कहां लिखा है, किस कानून में लिखा है कि घुसपैठियों के खिलाफ बोलना गलत है? हिंदुओं के बारे में बात करने का मतलब मुसलमानों को निशाना बनाना नहीं है। मैं मुस्लिम शब्द भी नहीं बोलता।
सीएम हेमंत सोरेन ने साधा हिमंता पर निशाना
वहीं, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि पूर्वोत्तर राज्य असम में झारखंड की जनजातियों को एसटी का दर्जा न देकर उनकी पहचान मिटाई जा रही है। खूंटी जिले के तपकारा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सोरेन ने कहा कि झारखंड के बहुत सारे लोग असम के चाय बागानों में रह रहे हैं। उनकी स्थिति अच्छी नहीं है। सोरेन ने आरोप लगाया कि असम के मुख्यमंत्री यहां के आदिवासियों के शुभचिंतक होने का दिखावा करते हैं।
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