माफिया अतीक-अशरफ की हत्या के तीनों आरोपी प्रयागराज CJM कोर्ट लाए गए, पुलिस रिमांड पर आएगा फैसला; जेल से कोर्ट तक कड़ी सुरक्षा

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BP Shrivastava
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माफिया अतीक-अशरफ की हत्या के तीनों आरोपी प्रयागराज CJM कोर्ट लाए गए, पुलिस रिमांड पर आएगा फैसला; जेल से कोर्ट तक कड़ी सुरक्षा

PRAYAGRAJ. माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के हत्यारों को बुधवार, 19 अप्रैल को सीजेएम कोर्ट लाया गया है। यहां एसआईटी की ओर मांगे गए पुलिस रिमांड के आवेदन पर सुनवाई होगी। संभावना है कि एसआईटी के आग्रह को कोर्ट मानकर रिमांड की अनुमति दे देगा।



हत्या के आरोपियों को लेकर पुलिस प्रतापगढ़ से प्रयागराज रवाना



माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्‍या के आरोपियों की बुधवार, 19 अप्रैल को सीजेएम (मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट) की अदालत में पेशी होगी। जहां एसआईटी की ओर से पुलिस रिमांड में दिए जाने के प्रार्थना पत्र पर कार्यवाही शुरू होगी। यह आदेश मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम ने अतीक अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए गठित एसआईटी की ओर से पेश अर्जी पर दिया। इस बीच कोर्ट के आदेश पर जेल से कोर्ट तक लाए जाने के दौरान हत्‍यारोपियों की सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। बुधवार सुबह पुलिस उन्‍हें प्रतापगढ़ जेल से प्रयागराज लेकर पहुंची। शूटर लवलेश तिवारी के परिवार को पुलिस ने घर से निकालकर अपनी सुरक्षा में रखा है। अरुण मौर्य से उसके परिवार वालों ने पल्ला झाड़ लिया है। सनी सिंह के परिवार के लोग भी दो दिन से घर के बाहर नहीं निकले हैं।



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सुरक्षा के कड़े इंतजाम



एसआईटी इन तीनों आरोपियों का बयान कोर्ट की इजाजत से दर्ज कर चुकी है। अब पूछताछ में सबूत एकत्र करने के लिए इन तीनों को पुलिस कस्टडी रिमांड में लेने की कार्यवाही कर रही है। यह तीनों वर्तमान समय में प्रतापगढ़ की जिला जेल में निरुद्ध हैं। शाम को जिला कचहरी परिसर में पुलिस के अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में कचहरी के तमाम रास्तों का जायजा 

लिया और सुरक्षा संबंधी निर्देश दिए।



शूटरों की बैरक बदली, सीसीटीवी से निगरानी 



अतीक और अशरफ के तीनों हत्यारोपित मंगलवार, 18 अप्रैल को दूसरी बैरक में शिफ्ट कर दिए गए। सीसीटीवी कैमरे के जरिए इनकी 24 घंटे निगरानी की जा रही है। डीएम डॉ. नितिन बंसल, एसपी सतपाल अंतिल दोपहर करीब एक बजे जेल पहुंचे। दोनों अधिकारी ने जेल का निरीक्षण किया। बाद में एएसपी, कोतवाल, सिपाहियों के साथ स्वॉट टीम के लोग भी भीतर गए और सुरक्षा इंतजाम को देखा। 



प्रतापगढ़ में एसआईटी के आने की चर्चा 



प्रतापगढ़ जिला जेल में बंद अतीक, अशरफ के हत्यारोपियों का बयान लेने के लिए एसआईटी के आने की चर्चा रही। सुबह दस बजे ही एसआईटी के जेल आने की चर्चा होने लगी। हालांकि, पुलिस व जेल प्रशासन के लोग ऐसी जानकारी से इनकार करते रहे।



सनी के परिजन घर में ही  रहे



उधर, हमीरपुर में अतीक-अशरफ हत्याकांड में आरोपी सनी सिंह के परिजन दो दिन से घर के बाहर नहीं निकले हैं। खाने-पीने का सामान जो घर में मौजूद है, उसी से काम चल रहा है। घर के आसपास 24 घंटे पुलिस का पहरा लगा हुआ है। हालांकि, मोहल्ले का माहौल धीरे-धीरे सामान्य हो चला है, लेकिन इस बहुचर्चित हत्याकांड की चर्चाएं कम होने का नाम नहीं ले रही है। रविवार, 16 अप्रैल की रात एसटीएफ के आने की चर्चा थी। पर अभी तक परिवार से किसी भी एजेंसी या पुलिस ने कोई पूछताछ नहीं की है। कुरारा कस्बे के वार्ड नं.11 निवासी सनी सिंह के घर के आसपास दो दिनों से पुलिस का पहरा बढ़ा हुआ है। शनिवार, 15 अप्रैल को रात प्रयागराज में हुए शूटआउट के बाद से अचानक से सनी चर्चा में आया।



लवलेश के परिवार को सुरक्षा में रखा



बांदा में शूटर लवलेश तिवारी के परिवार को पुलिस ने घर से निकालकर अपनी सुरक्षा में रखा है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है सुरक्षा के लिहाज से यह जरूरी हो गया था। वहीं, लवलेश के फेसबुक फ्रेंड लगातार घटते जा रहे हैं। रविवार, 16 अप्रैल तक 1551 फेसबुक फ्रेंड थे। सोमवार, 17 अप्रैल को 1494 और मंगलवार, 18 अप्रैल को 1482 हो गए। शनिवार, 15 अप्रैल को प्रयागराज शूटआउट में बांदा के लवलेश का नाम सामने आया था। शहर कोतवाली क्षेत्र के क्योटरा निवासी अधिवक्ता रामस्वरूप सिंह के मकान में उसके किराए के घर पर रविवार सुबह मीडिया कर्मियों की भीड़ जुट गई। वहां उसके पिता यज्ञ कुमार तिवारी, मां आशा और छोटा भाई देव कुमार मिला था। रविवार, 16 अप्रैल रातभर पुलिस बल घर के बाहर तैनात रहा।



अरुण से परिवार ने कर लिया किनारा



अलीगढ़ में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले तीन बदमाशों में शामिल कासगंज के अरुण मौर्य से उसके परिवार वालों ने पल्ला झाड़ लिया है। अलीगढ़ रेंज पुलिस ने परिवार से कई बिंदुओं पर बातचीत की। सामान्य जानकारी देने के बाद गांव में रहने वाले चाचा-चाची ने साफ कह दिया कि अरुण से उनका कोई नाता नहीं है। वह कहां जाता था, किसके संरक्षण में रहता था, इस वारदात के लिए किसने उसको दुष्प्रेरित किया, इस विषय में कोई जानकारी नहीं है। पुलिस की छानबीन में अभी तक यही साफ हुआ है कि अरुण मौर्य पुत्र दीपक मूलरूप से कासगंज जिले के सोरों थाना क्षेत्र के गांव कादरवाड़ी का रहने वाला है। पानीपत के विकास नगर का वह वर्तमान निवासी है। 


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