देश में धीरे-धीरे ठंड बढ़ने लगी है। ठंड के मौसम को देखते हुए अयोध्या के श्रीराम मंदिर में भगवान श्रीरामलला के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। ठंड बढ़ने के साथ मंदिर प्रशासन और पुजारियों ने प्रभु को सौम्य ऊनी वस्त्र पहनाए हैं, ताकि उन्हें मौसम की ठंड से राहत मिल सके। श्रीरामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद ठंड का यह पहला मौसम है। मंदिर ट्रस्ट और पुजारी भगवान रामलला की पूजा और सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। इस समय यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रभु को पूरी तरह से आरामदायक वातावरण मिले।
श्रीरामलला को पहनाए सौम्य ऊनी वस्त्र
राम मंदिर ट्रस्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रभु श्रीरामलला को शुभवस्त्रम् में विशेष रूप से गुजरात की पटोला इक्कत सिल्क से बने पटुका और लद्दाख के पश्मीना से निर्मित अंगवस्त्र पहनाए गए हैं। जिससे प्रभु की दिव्य प्रतिमा और भी मनमोहक हो गई है। ये अंगवस्त्र बेहद सुंदर लग रहे हैं। दिव्य राम मंदिर में भक्तों ने इन नए अंगवस्त्रों में प्रभु के दर्शन किए हैं।
सर्दी में बदली दिनचर्या
राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी देते हुए बताया कि यहां एक बालक के रूप में प्रभु राम की सेवा की जाती है। भगवान राम मंदिर में 5 साल के बालक के रूप में विराजमान हैं। अब ठंड बढ़ने के बाद मंदिर में बदलाव किए गए है। रामलला को ठंड ना लगे इसको लेकर प्रभु राम को गर्म पानी से स्नान कराया जा रहा ह। साथ ही उन्हें गर्म भोग लगाया जा रहा है। तड़के साढ़े चार बजे बालक राम को जगाया जाता है। इसके बाद भगवान को स्नान कराया जाता है।
बादाम, पिस्ता के साथ गर्म दूध का भोग
आचार्य सत्येंद्र दास के अनुसार श्रीरामलला को रबड़ी या पेड़ा का भोग लगाया जा रहा है। इसके अलावा ड्राई फ्रूट्स को भी भोग में शामिल किया गया है। बादाम, पिस्ता के साथ गर्म दूध दिया जा रहा है। प्रभु को पूरी सब्जी का भोग लगाया जा रहा है। रामलला के विराजमान वाले मुख्य स्थान पर अब दोपहर में ही पंखा चलाया जाता है। बालक स्वरूप रामलला के दरबार में रजाई कंबल के साथ ब्लोअर लगाया गया है।
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