कुरुक्षेत्र महापंचायत में टिकैत ने दिया अल्टीमेटम, 9 जून तक हो गिरफ्तारी वरना फिर बैठेंगे जंतर-मंतर पर

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Chandresh Sharma
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कुरुक्षेत्र महापंचायत में टिकैत ने दिया अल्टीमेटम, 9 जून तक हो गिरफ्तारी वरना फिर बैठेंगे जंतर-मंतर पर

Kurukshetra. बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह और पहलवानों के बीच चल रहे दंगल में अब खाप पंचायतों के साथ किसान संगठन भी कूद पड़े हैं। शुक्रवार को पहलवानों के समर्थन में कुरूक्षेत्र में महापंचायत की बैठक हुई। बैठक में शामिल किसान नेता राकेश टिकैत ने ऐलानिया तौर पर अल्टिमेटम दिया है कि 9 जून तक पहलवानों की शिकायतों का समाधान सरकार कर दे, साथ ही बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी हो जाए। अगर ऐसा न हुआ तो 9 जून को पहलवानों के साथ किसान भी दिल्ली के जंतर-मंतर जाएंगे। वहां बैठने की अनुमति नहीं मिली तो आंदोलन की घोषणा कर दी जाएगी। 




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  • 11 जून को शामली में महापंचायत



    इधर खाप पंचायतें 11 जून को शामली में इस मामले में महापंचायत करेंगी। टिकैत का कहना है कि इस मसले पर सरकार को एक बार फिर मौका दिया जाएगा। उन्होंने महिला पहलवानों की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की भी मांग उठाई है। बता दें कि इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर के सोरम की महापंचायत में कहा था कि बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर वे राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु से मुलाकात करेंगे। टिकैत ने कहा था कि यह लड़ाई अब पहलवानों को न्याय मिलने तक जारी रहेगी। 




    बृजभूषण पर दर्ज है पॉक्सो समेत 2 मामले



    बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों की शिकायत पर दो एफआईआर हुई हैं। उनके खिलाफ छेड़छाड़ और यौन शोषण के मामलों के आरोप लगे हैं। शिकायत में गलत ढंग से स्पर्श, छाती पर हाथ रखने की कोशिश, पीठ पर हाथ फेरना, पीछा करना जैसे आरोप शामिल हैं। पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज होने के बाद भी अब तक बृजभूषण की गिरफ्तारी न होने से पहलवानों के पक्ष में खाप पंचायत और किसान संगठन उतर आए हैं। 



    दोनों एफआईआर में आईपीसी की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 34 (सामान्य इरादे) का हवाला दिया गया है। इन आरोपों में एक से तीन साल की जेल का प्रावधान है। पहली एफआईआर में 6 वयस्क पहलवानों के आरोप शामिल हैं। इसमें रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के सचिव विनोद तोमर का भी नाम है।



    पॉक्सो मामले में 5 साल की जेल



    दूसरी एफआईआर एक नाबालिग के पिता की शिकायत पर दर्ज की गई है। यह पॉक्सो अधिनियम की धारा 10 के तहत है, जिसमें 5 से 7 साल सजा का प्रावधान है। एफआईआर में जिन घटनाओं का उल्लेख किया गया है, वे कथित तौर पर 2012 से 2022 तक देश और विदेश के अलग-अलग हिस्सों में हुईं।


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