अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन ने देश भर में प्री- वेडिंग शूट करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। छत्तीसगढ़ समेत अब देशभर में शादी से पहले कपल फोटो- वीडियो शूट नहीं करा पाएंगे।
रायपुर में संगठन के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ अशोक अग्रवाल ने प्री-वेडिंग शूट पर प्रतिबंध लगाने की वजह बताते हुए कहा कि इससे कई रिश्ते पहले ही टूट रहे हैं। वैवाहिक संबंध में भी दरारें आ रही हैं।
कार्यकारिणी की बैठक में फैसला
इसी के साथ डॉ अशोक अग्रवाल ने कहा कि समाज के वरिष्ठों ने यह महसूस किया कि जब से प्री-वेडिंग शूट शुरू हुए धीरे-धीरे फूहड़ता बढ़ती जा रही है। इसके बाद सभी अग्रवाल सभाओं को प्रस्ताव भेजा गया। अब हैदराबाद में संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इसे बंद करने का फैसला लिया गया।
प्री-वेडिंग शूट पर लगे बैन को अमल में लाना होगा
अशोक अग्रवाल ने बताया कि प्री-वेडिंग शूट के कई गलत परिणाम सामने आए हैं। इसे सामाजिक कुरीति समझा गया है। जिसे अपने बच्चों और परिवार से प्यार है, जो चाहते हैं कि उनका परिवार आगे बढ़े और वैवाहिक संबंधों में दरार न आए तो उन्हें प्री-वेडिंग शूट पर लगे बैन को अमल में लाना होगा।
यह उनके स्वयं और परिवार की भलाई के लिए है। समाज में कोई दंड की प्रक्रिया नहीं है। समाज की ओर से सिर्फ समझाइश दी जा सकती है। यह व्यक्ति को तय करना है कि परिवार के बेहतरी के लिए इस निर्णय को लागू करें।
अनावश्यक खर्च को बढ़ावा
राष्ट्रीय चेयरमैन प्रदीप मित्तल का कहना है कि प्री-वेडिंग जैसे आधुनिक रीति-रिवाज़ पर चलना समाज के हित में नहीं है। इससे फूहड़ता और विवाह जैसे कार्यक्रमों में अनावश्यक खर्च को बढ़ावा मिल रहा है।
अनावश्यक खर्च से बचने के लिए भी प्री-वेडिंग शूट पर रोक लगाई गई है। अग्रवाल समाज के अलावा देश भर में अलग-अलग समाज के लोग प्री-वेडिंग शूट को हिंदू संस्कृति के अनुरूप नहीं मानते हुए रोक लगा रहे हैं।
कितना होता है प्री-वेडिंग का खर्च
जानकारी के मुताबिक कई फोटो स्टूडियो या फोटोग्राफर, वेडिंग और प्री-वेडिंग मिलाकर भी पैकेज देते हैं। इसमें कम से कम 5 से 6 दिनों का काम होता है। इस पैकेज के लिए कम से कम 1 लाख से लेकर 2.5 लाख तक का खर्च आता है।
इस पैकेज में फोटो, वीडियो और ड्रोन जैसे शूट शामिल रहते हैं। इसमें फोटोग्राफर के साथ प्री-वेडिंग से लेकर पूरी शादी का कॉन्ट्रैक्ट रहता है। आपको बता दें कि इसके लिए अलग-अलग लोकेशन के हिसाब से खर्च और भी बढ़ता है।
महालक्ष्मी वरदान दिवस
डॉ अशोक अग्रवाल ने बताता कि बैठक में हर साल अग्रसेन जयंती समारोह की ही तरह महालक्ष्मी वरदान दिवस मनाने का भी फैसला लिया गया है। अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर समाज के 85 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों का हर साल दिल्ली में सम्मान करने और समाज के कर्मठ योद्धाओं को प्रत्येक वर्ष दिसंबर में 51 अग्र भूषण व अग्र रत्न सम्मान देने का भी निर्णय लिया गया है।
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